शहडोल। जिले के ग्राम कठौतिया निवासी जिस मासूम बच्ची के शरीर कों गर्म सलाखों से दागने के बाद 2 दिन पहले उपचार के दौरान मेडिकल कालेज में मौत हो गयी थी। अब उस बच्ची का शव दो दिन बाद शुक्रवार की कब्र से बाहर निकलवाया गया। बताया जा रहा है कि मासूम की मौत के कारण पर सवाल उठने एवम विशेषज्ञ एवम प्रशासन के आला अधिकारी की बात में विरोधाभाष सामने आने के बाद ऐसा किया जा रहा है। ताकि मासूम की मौत का सही कारणों का पता लग सके। विदित हो कि आदिवासी बाहुल्य जिला शहडोल में अंधविश्वास के कारण बच्चों की गर्म सलाखो से दागने की कुप्रथा एक लंबे समय से चली आ रही है । आए दिन ऐसे मामले प्रकाश में आते रहते है। कई बार तो इस कारण से मासूमो की मौत तक हो जाने की बाते सामने आ चुकी है। और अभी तक 2000 से ज्यादा बच्चे इस अंधविश्वास का शिकार हो चुके हैं।
इसी दर्द के कारण वह निमोनिया की चपेट आई और फिर उसने प्राण त्याग दिए। अब सवालों के उठने के बाद मासूम के दो दिन पहले दफ़ना दिए गए शव की कब्र से बाहर निकाला गया ,पुलिस को इतनी क्या जल्दी थी कि शुक्रवार की रात को ही आधी रात में उसका पोस्ट मार्टम करा दिया गया है।
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