छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले के परतला के एक सरकारी स्कूल ने अपने विद्यालय को निजी विद्यालय के जैसे सरकारी स्कूल को तब्दील कर शिक्षा की अलख जगाई है। दरअसल एकीकृत शास माध्यमिक शाला के शिक्षकों ने अपने निजी खर्चो से उक्त स्कूल की तस्वीर बदल कर रख दी है।
खास बात तो यह है कि खेल खेल में बच्चों को विभिन्न अध्यापन कार्य को बताकर उनके बौद्धिक विकास और अध्यापन कार्य में रुचि को लेकर शिक्षको ने शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने का एक अनोखा प्रयास किया है। जिसके चलते यहां के शासकीय शालाओं के शिक्षकों द्वारा विषय गणित हिंदी अंग्रेजी संस्कृत आदि विषयों के छाया चित्रों और लेखनी को विद्यालय की दीवार पर अध्यापन कार्य से संबंधित महत्वपूर्ण चित्रों को उकेरा है। उसके माध्यम से बच्चों को ज्ञान की बातों को बता कर उनका बौद्धिक विकास को बढ़ाया है। जिसकी सारे क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है
शिक्षकों ने आपस में चंदा कर स्कूल को बना दिया मॉडल। शिक्षकों ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई ठीक हो सके इसको लेकर प्रयास करते हैं, अतिरिक्त करने के लिए कोई ऐसा बजट नहीं आता लेकिन क्योंकि पढ़ाई अच्छी हो सके उन्हें अच्छा भविष्य मिल सके इसके लिए शिक्षकों ने आपस में चंदा कर लिया और कुछ जनभागीदारी भी हो गई। जिसके बदौलत स्कूल को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है।
दरअसल सरकारी स्कूल की दीवारें चित्रों से सजी हुई है। इस स्कूल की खासियत है कि छात्र-छात्राएं खेल खेल में पढ़ाई कर लेते हैं। इन स्कूलों की दीवारों में छतों में जानकारी सहित फर्श पर सांप सीढी के जरिए गणित का अध्ययन होता है। यहां बिना किताबों के भी पढ़ाई हो सकती है शिक्षकों ने गणित के सूत्र विज्ञान की परिभाषा सहित अंग्रेजी के अक्षरों तक दीवारों पर बनाया हुआ है जिससे कि अगर बच्चे पुस्तक लेकर भी नहीं आए तो देख कर भी पढ़ सकते हैं।
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