सिसोदिया ने अपने फोन को नष्ट किया: ईडी
ईडी के वकील ने दलील दी कि सिसोदिया ने 'घोटाले' को लेकर झूठे दावे किए और वह अन्य आरोपियों से उनका सामना कराकर मॉडस ऑपरेंडी को समझना चाहती है। वकील जोहेब हुसैन ने दावा किया कि सिसोदिया ने अपने फोन को नष्ट किया जो इस जांच में एक अहम सबूत था। ईडी के दावों पर सिसोदिया की तरफ से तीन सीनियर ऐडवोकेट दयान कृष्णन, मोहित माथुर और सिद्धार्थ अग्रवाल ने जवाबी दलील दिए। इस पर ईडी ने सिसोदिया की तरफ से अपने बचाव में तीन वकीलों को उतारने पर सवाल उठाया। लेकिन अदालत ने तीनों को दलील रखने की इजाजत दे दी। आम तौर पर किसी केस में एक आरोपी का बचाव एक वकील ही करता है।
कोर्ट से 10 दिन की हिरासत देने की मांग
ईडी के वकील ने दावा किया कि नई नीति को जनता से सराहना मिलने की बात आंखों में धूल झोंकना है, और कुछ भी नहीं। उन्होंने कहा, 'किसी ने प्रॉफिट मार्जिन 12% फिक्स करने का सुझाव नहीं दिया था- ना आम जनता ने और ना ही मामले के पक्षकारों ने। एक्साइज डिपार्टमेंट यह बात स्पष्ट कर चुका है।' ईडी के वकील ने दावा किया कि सिसोदिया ने अपने तत्कालीन सचिव की सलाह भी नहीं मानी थी। उन्होंने कहा कि इस पूरे षडयंत्र के केंद्र में विजय नायर षडयंत्र रहा था। उन्होंने कहा, 'इस घोटाले की कई शाखाएं हैं जो सरकार के लोगों से लेकर दलालों एवं अन्य लोगों तक फैली हुई हैं। पूरी साजिश नायर, सिसोदिया, के कविता और कई अन्य लोगों ने रची है। साउथ ग्रुप ने आप नेताओं को करीब 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी है। इसमें एक बड़े कार्टेल को दिल्ली में 30% शराब कारोबार का ठेका दिया गया था।' जोहेब हुसैन ने इन दलीलों के साथ कोर्ट से कहा कि मामला इतना पेचीदा है कि सिसोदिया से गहन पूछताछ की जरूरत है, इसलिए उनकी 10 दिनों की हिरासत दी जाए।
सिसोदिया के वकीलों ने ईडी के दावों को किया खारिज
सीबीआई की विशेष अदालत के जज एमके नागपाल की कोर्ट में सिसोदिया की तरफ से तीन वरिष्ठ वकीलों ने मोर्चा संभाल रखा है। वकील दयान कृष्णन, सिद्धार्थ अगरवाल और मोहित माथुर ने ईडी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि केंद्रीय एजेंसी तिल के ताड़ बना रही है। उन्होंने ईडी के इस आरोप को भी सिरे से खारिज कर दिया कि सिसोदिया पूछताछ में सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं। सिसोदिया की ओर से सीनियर एडवोकेट दायन कृष्णन और मोहित माथुर ने दलीलें रखीं। कृष्णन ने एजेंसी की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा की नीति बनाना कार्यकारी अधिकारियों का काम है, जिसकी कई स्तर पर जांच होती है। यह कुछ और नहीं, बस एक व्यक्ति को लगातार हिरासत में रखने की कोशिश है। माथुर ने कहा कि ईडी ने जो दस्तावेज अदालत के सामने रखा है, वो कहीं भी यह नहीं दिखाता है कि जो भी पैसे इधर से उधर हुए, वो मुझे (सिसोदिया को) मिले या मैंने किसी को दिए।
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