पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है। 9 मार्च को उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया है। एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया वन विभाग के रेंज कार्यालय से 4 अतिक्रमणकारियों को छुड़ाने के लिए 40 से अधिक अतिक्रमणकारियों ने हमला किया था। वनकर्मियों के साथ मारपीट, कार्यालय में तोड़फोड़ कर चारों आरोपियों को अतिक्रमणकारी छुड़ाकर ले गए थे। लेकिन एक घंटे बाद ही 36 आरोपियों को पकड़ लिया गया था। जांच के दौरान एक डायरी मिली जिसमें, मला नामक अतिक्रमणकारी ने लेन-देन का हिसाब लिखा है। इसके साथ ही उनकी सीडीआर निकाली गई तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।
हमले के समय संपर्क में था
दरअसल, अतिक्रमणकारी रेमला से जागृत आदिवासी संगठन का नितिन वर्गीस हमले के समय संपर्क में था। एसपी के अनुसार शाम 7.30 बजे से 8 बजे के बीच हमला और तोड़फोड़ होने पर नितिन वर्गीस किसी से बात कर रहा था। रेमला से भी वह इसी अवधि के बीच बातचीत कर रहा था। रेमला 36 लोगों को लेकर आया था। इस मामले में उसकी भूमिका संदिग्ध है। 36 लोगों से लिए गए बयान में भी नाम सामने आया एसपी ने बताया इस अवधि के बीच रेमला और वर्गीस के बीच लगातार चार-पांच बार फोन पर बात हुई है। 36 लोगों के बयानों में भी नितिन का नाम सामने आया है। कॉल डिटेल बता रही है कि अतिक्रमणकारियों को यहां भिजवाया गया था। आखिर इसका कारण क्या है यह पुलिस पता लगा रही है।
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