उन्होंने यह बात भोपाल के भेल दशहरा मैदान में आयोजित अमर बलिदानी हेमु कालाणी की जन्मशताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि हम आ गए, पर मन से नहीं छोड़ा। भारत कहें तो हम सिंधु नदी को नहीं भूल सकते। ये नाता नहीं तोड़ सकते। हम कुछ नहीं भूलेंगे। क्योंकि यह कृत्रिम विभाजन है। पाकिस्तान के लोग कह रहे हैं कि यह गलती हो गई। जो अपनी हटधर्मिता के कारण भारत से अलग हुए, वह दुख में हैं। जो भारत के साथ यहां आए, वह फिर से खड़े हो गए।
हम पाक पर आक्रमण नहीं करेंगे
संघ प्रमुख ने कहा कि उस समय गलती हुई, उसका सुधार यही है। आप तैयार रहिए, हम आक्रमणकारी नहीं है। पाकिस्तान पर आक्रमण नहीं करेंगे। पर ऐसा खुद ही होगा। आप दोनों तरफ का भारत जानते हो, वहां भारत को बसा सकते हो। छोटे स्वार्थ को छोड़कर एकजुट हों। अपने घर में अपना भजन, पूजन चले, इसका प्रयास करते रहना होगा। यहां जन्म लेने वालों का लगाव वहां के प्रति बढ़ाना होगा। सनातन परंपरा सब के लिए है। हमें लड़ाने वालों से बचाना, ऐसा हो तो संभालना। तब कुटिल षड्यंत्र असफल होतै हैं। हम सिंधु हैं, मतलब हिंदू हैं।
सिंधियों ने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए अपनी भूमि छोड़ दी- शिवराज
वहीं कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने अपने संबोधन की शुरुआत सिंधी भाषा में करते हुए कहा कि सिंध प्रांत की विशेषता बताई और बंटवारे के दौर को याद करते हुए कहा कि सिंधी समुदाय के लोगों ने अपनी संस्कृति, अपने धर्म की रक्षा के लिए अपनी भूमि छोड़ दी। उन्होंने अपना जीवन शून्य से शुरू किया और खुद को स्थापित किया। हमें अपनी जड़ों को छोड़ना पड़े तो इसका दर्द रहता है। सीएम ने कहा कि, युवाओं से आग्रह है कि अपनी जड़ों से जुड़े रहें.. संस्कृति, परंपरा, वेशभूषा, भाषा, खानपान, महापुरुष न भूलें। सिंधियों को नागरिकता देने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। आपने सिंध छोड़ा, लेकिन अब पूरा हिंद आपका है।
सिंधी महापुरूषों का इतिहास पढ़ाया जाएगा
सीएम शिवराज ने कहा कि मप्र की पाठ्य पुस्तक में सिंधी महापुरुषों को पढ़ाया जाएगा। सम्राट दाहिर सेन, हेमू कालाणी की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल करेंगे। सिंधु दर्शन के लिए जाने वालों को 25 हजार रुपये अनुदान देंगे। मप्र में सिंधू समाज के महापुरुषों और सिंधु सभ्यता का संग्रहालय बनाया जाएगा। सिंधु साहित्य अकादमी को पांच करोड़ का बजट। भोपाल के मनुआभावन टेकरी के अलावा इंदौर और जबलपुर में भी लगेगी बलिदानी हेमू कालाणी की प्रतिमा। मप्र मे संग्रहालय बनाएंगे.. सिंधु सभ्यता का सभी कुछ रहेगा.. सिंधी पट्टों के लिए 1 प्रतिशत राशि लेकर स्थायी भूमि देंगे। ये भीख नहीं आपका अधिकार है। आज ही आदेश निकलेंगे।
बलिदानियों की स्मृति हमेशा बनाए रखनी चाहिए- हंसराम
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम ने कहा कि बलिदानियों की स्मृति हमेशा बनाए रखनी चाहिए। सिंधी समाज प्रदेश में सुरक्षित महसूस नहीं करता, सरकार को संरक्षण देना चाहिए। सिंधी समाज सतानती है और रहेगा। सिंधी समाज की आवश्यकता है अपनी संस्कृति को संजोए रखना.. इंदौर में सिंधी ठिकानों पर हमले हुए। हमने पुलिस से शिकायत की, पर कुछ नहीं हुआ। मुख्यमंत्री इस समस्या को हल कराए। काशी में दशांश घाट से
समाज की गुमठियां उठा लीं, उस पर भी सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है। हम अपनी जमीन छोड़कर सिंध से हिंद आएं हैं। समाज से कहा- एक हो जाएं.. तभी बात सुनी जाएगी.. केंद्र हो या राज्य की सरकार, किसी से नहीं डरेंगे।
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