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04 March 2023

हर व्यवस्था के केंद्र हैं विधानसभा संयोजक, सभी के साथ समन्वय बनाकर काम करें


  भोपाल। आगामी विधानसभा चुनावों में विधानसभा संयोजकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रहने वाली है। विधानसभा संयोजक अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनाव संबंधी व्यवस्थाओं के केंद्र रहेंगे। इस नाते 200 पार के लक्ष्य को हासिल करने में विधानसभा संयोजक एक अहम कड़ी हैं। अपने विधानसभा क्षेत्रों में प्रवास करें, संपर्क और संवाद करें तथा सभी के साथ समन्वय बनाकर जीत के लिए काम करें। यह बात भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री श्री शिवप्रकाश जी, प्रदेश प्रभारी श्री मुरलीधर राव और प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा ने विधानसभा संयोजकों की बैठक को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर प्रदेश सह प्रभारी डॉ. रामशंकर कठेरिया एवं प्रदेश संगठन महामंत्री श्री
हितानंद जी मंचासीन रहे। बैठक का संचालन प्रदेश महामंत्री श्री भगवानदास सबनानी ने किया।

कार्यकर्ताओं को दिशा दें, समन्वय के साथ संगठन को मजबूती देंः शिवप्रकाश 

बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री श्री शिवप्रकाश जी ने कहा कि जिस प्रकार एक टार्च सही सेल, सेलों की सही जमावट और उसे जलाने के लिए लगाए जाने वाले बल के बिना प्रकाश नहीं देती, उसी प्रकार कार्यकर्ताओं के सही उपयोग के बिना परिणाम हासिल नहीं होते। इस हिसाब विधानसभा संयोजकों की भूमिका अत्यंत महत्व्पूर्ण है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में कार्यकर्ताओं की प्रचुरता है, लेकिन उन कार्यकर्ताओं को दिशा देना, उनके बीच समन्वय और संयोजन करना तथा संगठन के कार्य को विस्तार और मजबूती देना विधानसभा संयोजकों की ही जिम्मेदारी है। श्री शिवप्रकाश जी ने कहा कि हमारे पास समर्पित कार्यकर्ताओं की अच्छी टीम है। इस टीम में जीत के जिद और जुनून पैदा करना विधानसभा संयोजकों की ही जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्वी राज्यों की जीत ने यह साबित कर दिया है कि देश में वातावरण भाजपा के पक्ष में है। विधानसभा चुनावों में इस वातावरण का समुचित लाभ लेने का प्रयास करें।

कार्यकर्ताओं के बीच कार्यविभाजन करें, कोई बिना काम के न रहेः मुरलीधर राव

बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश प्रभारी श्री मुरलीधर राव ने कहा कि विधानसभा संयोजकों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी यह है कि प्रभावी कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करें, जिनमें वर्तमान और पूर्व पदाधिकारी भी शामिल हों। इसके साथ ही की वोटर्स, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों तथा क्षेत्र के महत्वपूर्ण लोगों की भी सूची तैयार करें। कार्यकर्ताओं के बीच काम का विभाजन इस प्रकार करें कि प्रत्येक कार्यकर्ता को उपयुक्त काम मिले और कोई कार्यकर्ता बिना काम के न रहे। इसके साथ ही क्षेत्र के महत्वपूर्ण लोगों को पार्टी से जोड़ने की योजना तैयार करें। श्री राव ने कहा कि विधानसभा संयोजकों की जिम्मेदारी है कि लगातार बैठकों के माध्यम से संगठन को सक्रिय करें। विधानसभा संचालन समिति, मंडल, शक्ति केंद्र और बूथ समितियों की लगातार बैठकें लें। इसके लिए अपने विधानसभा क्षेत्रों में लगातार प्रवास करें। श्री राव ने कहा कि 200 पार के लक्ष्य को हासिल करने में विधानसभा संयोजकों की भूमिका अत्यंत महत्व्पूर्ण रहने वाली है। इसलिए स्वयं सोशल मीडिया पर सक्रिय रहें और अपने सहयोगियों, कार्यकर्ताओं को भी सक्रिय बनाए रखें।

विधानसभा संयोजक स्थानीय कार्यकर्ता, उनकी जिम्मेदारी सबसे बड़ीः विष्णुदत्त शर्मा

बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि विधानसभा संयोजक उसी क्षेत्र के कार्यकर्ता हैं, जिसका उन्हें संयोजक बनाया गया है। इस नाते उनकी जान-पहचान, संपर्क-संवाद और क्षेत्र के बारे में उनकी जानकारी सबसे अधिक है। ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी जिम्मेदारी सबसे बड़ी है। श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि विधानसभा संयोजक प्रत्येक बूथ की जानकारी और डाटा तथा डिटेल अपने पास रखें। आने वाले समय में विधानसभा प्रभारियों की नियुक्ति भी होने वाली है और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक विस्तारक भी नियुक्त होगा। ऐसे में विधानसभा संयोजक सभी के बीच समन्वय बनाकर पूरी ताकत और गति के साथ चुनाव मैदान में उतरें। उन्होंने कहा कि विधानसभा संयोजकों को जहां भी कठिनाई महसूस हो, वो जिला और प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों से चर्चा करने में संकोच न करें।  


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