परिक्रमा पूरी हुई। जिसमें काफी मात्रा में लोग शामिल हुए। गजरथ महोत्सव को देखने के लिए विभिन्न राज्यों के साथ जिलों के लोग भी आए थे।
देवेंद्रनगर संदरिया मैदान में 20 मार्च से आयोजित मजिज्नेंद्र पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ का रविवार को गजरथ परिक्रमा के साथ समापन हो गया है। मैदान में महिला, युवा और युवतियों की टुकडिय़ों ने अलग-अलग कतव्र्य दिखाए।
मुनि ने कहा कि भगवान आदिनाथ कैलाश पर्वत से निर्वाण को प्राप्त हो जाते हैं। चार अग्निकुमार देव आकर भगवान के शरीर की अंतिम क्रियाएं नाक और केश का विसर्जन करते हैं। इसके बाद महायज्ञ, हवन की क्रिया संपन्न करके यज्ञ में सभी महा पात्रों, इंद्र इंद्राणीओं ने आहुति दी।
लोगो ने बताया कि सुबह 10 बजे पर पंचकल्याणक महोत्सव की गजरथ परिक्रमा शुरू हुई। गजरत फेरी में दो रथ शामिल थे, रथों के पीछे इंद्र, इंद्राणी चल रहे थे। गजरथ फेरी में परम पूज्य गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज एवं परम पूज्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज थे। गजरथ देखने के लिए नगर सहित देश के अनेक शहरों से अनेक नगरों से देवेंद्रनगर शहर के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों से करीब हजार से अधिक लोग पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव के साक्षी बने।
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