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09 March 2023

दिग्गज आदिवासी नेता सोहन पोटाई का देहांत


पखांजुर। पूर्व भाजपा सांसद और दमदार आदिवासी नेता सोहन पोटाई का गुरुवार को सुबह निधन हो गया। उन्होंने माहुरबंध पारा स्थित अपने निवास में अंतिम सांस ली। सोहन पोटाई लंबे समय से बीमार चल रहे थे। सोहन पोटाई सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष थे और उन्हें एक मुखर आदिवासी नेता के रूप में जाना जाता था।
सोहन पोटाई के निधन से आदिवासी समाज में शोक की लहर है। उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव बाबूदबेना में किया जाएगा। 29 अप्रैल 1958 को सोहन पोटाई का जन्म हुआ था. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से चार बार कांकेर लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव जीता। 1998 में चुनाव मैदान में सोहन पोटाई ने कांग्रेस के कद्दावर नेता महेंद्र कर्मा भी हराया था।

ऐसा रहा सोहन पोटाई का राजनैतिक सफर:
1999 में सोह पोटाई ने छबिला अरविंद नेताम को चुनाव हराया था। 2004 सोहन पोटाई ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रही गंगा पोटाई ठाकुर को हराया। फिर साल 2009 में सोहन पोटाई कांग्रेस की फूलोदेवी नेताम को पराजित कर लगातार चौथी जीत का रिकार्ड बनाया। 2014 में भाजपा से उनका टिकिट कटने के बाद उन्होंने पार्टी से बगावत कर दी और सर्व आदिवासी समाज के एक मुखर लीडर बनकर आदिवासियों मुद्दे को प्रमुखता से उठाते रहे। जिसके बाद 2016 में सोहन पोटाई को भाजपा ने निष्काषित कर दिया था। 2017 के जनवरी बीजेपी से निष्काषित होने के बाद उन्होंने जय छत्तीसगढ़ पार्टी भी बनाई थी।

कैंसर से ग्रसित थे पोटाई:
सोहन पोटाई लंबे समय से कैंसर की बीमारी से ग्रसित थे. हाल ही में पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके भी उनसे मिलने अस्पताल पहुंची थी। जहां उन्होंने डॉक्टरों को उनके उचित इलाज के निर्देश दिए थे। सोहन पोटाई के जाने से बस्तर में आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन के मुद्दों पर असर पड़ेगा। सोहन पोटाई लगातार स्थानीय आदिवासियों के मुद्दों को मुखर होकर आवाज उठा रहे थे। उनके निधन के बाद आदिवासी समाज में शोक की लहर है।

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