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24 March 2023

ईच्छा देवी मंदिर जिसमें स्वयंभूव प्रगट हुई हैं देवी


 बुरहानपुर। ईच्छा देवी मंदिर जिसमें कि स्वयंभूव प्रगट मूर्ति हैं। यहां मां ईच्छादेवी भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण कर देती हैं।  यह जमीन से सटे पर्वत पर स्थित हैं यहां दोनो नवरात्र में श्रद्धालुओं की भिड लग जाती हैं।  और पूरे गांव में कही दूसरी माता की स्था
पना नहीं होती, यहां वर्षभर श्रद्धालु  इच्छादेवी माता के मंदिर में पंहुचकर पूजा अर्चना करते हैं। यहां दूर-दूर से अपनी ईच्छा की पुर्ती के लिऐ लोग घुटनों के बल तो कही हर पेडी पर नारीयल फोडकर अपनी ईच्छापुर्ती करते हैं।


बुरहानपुर जिले में बुरहानपुर मुक्ताई नगर मुख्य सडक पर बुरहानपुर से लगभग 21 किमी दूरी पर मध्यप्रदेष और महाराष्ट्र सीमा पर ग्राम ईच्छापुर स्थित हैं। कहा जाता हैं कि इस ग्राम का नाम इच्छा माता पर आधारित ग्राम ईच्छापुर स्थित हैं।  कहा जाता हैं कि इस ग्राम का नाम इच्छा देवी (इच्छा पूरी करने वाली) के नाम पर रखा गया हैं। देवी के लिये पास ही पहाडी पर एक मंदिर बनाया गया हैं। जन श्रुति है ंकि एक मराठा सूबेदार ने संकल्प किया था कि यदि उसे पुत्र की प्राप्ति होगी तो वह देवी के लिए एक मंदिर और कुआं बनवाएगा। जब उसकी इच्छा पूरी हुई तो उसने कुआं और मंदिर बनवाया बाद में मंदिर तक पहंुचने के लिऐ सीढियां भुस्कुटे परिवार ने बनवाई। यहां दोनों नवरात्र में पडवा से लेकर नवमी तक सभी शहरी एवं ग्रामीण लोग यहां आते हैं। और माता के दर्षन करते हैं यहां दोनों नवरात्र में एक वार्षिक मेला लगता है जो 9 दिनों तक चलता हैं। आसपास से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं मेले की व्यवस्था पूर्व में जनपद सभा के अधीन थी। वर्तमान में ग्राम पंचायत इच्छापुर मेला व्यवस्था कार्य देखती हैं। देवी की मूर्ति अति प्राचीन हैं जिसे चमत्कारिक देवी के दर्षन आराधना हेतु महाराष्ट्र और दूर-दूर के प्रदेषों से भी श्रद्धालु यहां आते हैं और आराधना करते हैं। मनौतियां मानते हैं, इच्छा पूर्ति पर मनौतियां चढाने देवी की पूजा अर्चना हेतु आते हैं। वर्तमान में इच्छा देवी ट्रस्ट बन जाने के बाद इस मंदिर का कायाकल्प हो गया हैं। दानदाताओं की मदद से मंदिर का भव्य स्वरूप बनाया गया हैं । नीचे आवासीय व्यवस्था बर्तनों इत्यादि के साथ उपलब्ध की गई हैं। जिससे यहां दूर-दूर से नागरिकगण विवाह सम्बंध करने भी बडी संख्या में आते हैं। ट्रस्ट के प्रयास से पहाडों पर स्थापित मंदिरों के अनुसार यहां भी उत्तम व्यवस्था की गई हैं। जिसमें निरंतर प्रगती जारी हैं। यहां बहुत दूर-दूर से भक्तगण दर्षन करने आते है। वर्तमान में पर्यटन विकास निगम द्वारा 93 लाख 25 हजार रूप्यें की राषि से कायाकल्प किया गया हैं। यहां जाने के लिये 176 सीढीयां जो कि प्राचिन हैं और 225 उतरने के लिये जो की पर्यटन विकास निगम द्वारा बनाई गई हैं। सारे ग्राम के लोग केवल मां इच्छादेवी के ही दर्षन और पूजा अर्चना करते हैं।


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