मेले का आयोजन सेना के तीनों अंगों की जानकारी नागरिकों को देने एवं युवा वर्ग के सेना से जुड़ने की प्रेरणा देने के उद्देश्य से किया गया है। इस मेले में युद्ध के समय भारतीय सेना के तीनों अंगों वायुसेना, थल सेना एवं नौसेना के जाबांज सैनिकों के साहस और कर्तव्यनिष्ठा की जानकारी दी जाएगी। सेना के बेड़े में शामिल वाहन भी लोग देख सकते हैं। बड़ी संख्या में वाहन एवं हथियार एमवीएम मैदान पर रखे गए हैं। यहां आज सुबह बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और हथियारों को नजदीक से देखा। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में सेना की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि फौजी मेला मध्यप्रदेश ओर भोपाल को गर्व और गौरव है। मुख्यमंत्री ने शांति के प्रतीक गुब्बारे छोड़कर मेले का उद्घाटन किया। इस मौके पर आर्मी बैंड द्वारा मधुर तराने पेश किए गए। मुख्यमंत्री ने अभिवादन कर मेले में मौजूद सैनिकों एवं बच्चों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर जिला कलेक्टर अविनाश लवानिया के अलावा भारतीय सेना एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस फौजी मेले में युद्ध के दौरान उपयोग किए गए जाने वाले कुछ हथियारों के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। करीब 50 किलोमीटर दूर तक मारक क्षमता वाले टैंक व इस तरह के हथियारों के बारे में अभी तक कम ही जानकारी मिलती है। अब शहर के बीच में एमबीएम मैदान पर नए एवं पुराने भोपाल के लोग भी प्रदर्शनी में जानकारी ले सकेंगे। फौजी मेले का समापन दो अप्रैल को होगा।
29 March 2023
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हमने दुश्मनों को घर में घुसकर मारा है- शिवराज
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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