ज्जमिल का दफ्तर बाख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ में है।
अफगानिस्तान सरकार के प्रवक्ता मोहम्मद शाहीन ने एक बयान में कहा- फिलहाल, हमें जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक कुछ लोग अपनी समस्याओं को लेकर मुज्जमिल से मिलने पहुंचे थे। इन्हीं में से कोई फिदायीन हमलावर था। मामले की जांच की जा रही है।
तालिबान के बड़े नेता थे मुज्जमिल
- ‘टोलो न्यूज’ के मुताबिक, दाउद मुज्जमिल तालिबान के टॉप लीडर्स में से एक थे। यही वजह है कि उन्हें बाख जैसे अशांत प्रांत की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। दाउद को तालिबान के सबसे काबिल पब्लिक एडमिनिस्ट्रेटर्स में से एक माना जाता था। यही वजह है कि उन्हें सबसे पहले नांगरहार प्रॉविंस की जिम्मेदारी सौंपी गई। वहां जब उन्होंने हालात काबू कर लिए तो उन्हें बाख भेजा गया।
- इस प्रांत में इस्लामिक स्टेट खोरासाना ग्रुप का दबदबा माना जाता है और यही वजह है कि यहां अकसर तालिबान के साथ उसकी झड़पें होती रहती हैं। इन झड़पों में ज्यादातर आम लोग मारे जाते हैं। 2022 की शुरुआत में उन्हें बाख भेजा गया था।
- तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा- तालिबान इस मामले की जांच कर रहे हैं। हमें पूरा भरोसा है कि हम जल्द इस कत्ल की साजिश रचने वालों तक पहुंच जाएंगे, जिन लोगों ने यह हमला किया, वो इस्लाम के दुश्मन हैं।
No comments:
Post a Comment