भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि राज्य सरकार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के प्रयास लगातार कर रही है और इसी क्रम में गुरूवार से 'लर्न और अर्न' योजना की शुरूआत की जाएगी, जिसके तहत एक लाख युवक युवतियों को लाभांवित करने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार कमान संभालने के तीन वर्ष पूरे होने के एक दिन पहले श्री चौहान ने आज यहां मीडिया से चर्चा के दौरान यह जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने विभिन्न विषयों पर भी बात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत युवक युवती काम भी सीखेंगे और एक निश्चित धनराशि प्राप्त करेंगे। इसकी विधिवत शुरूआत गुरूवार यानी 23 मार्च को होगी। इसके तहत एक वर्ष के दौरान एक लाख युवक युवतियों को लाभांवित करने का लक्ष्य है और प्रत्येक हितग्राही को वर्ष में एक लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे।
राज्य के छह दशक से अधिक समय के इतिहास में श्री चौहान ने कोरोना महामारी के अभूतपूर्व संकट के बीच 23 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ ग्रहण की थी। श्री चौहान ने मुख्यमंत्री के रूप में सबसे पहले शपथ 29 नवंबर 2005 को ली थी। इसके बाद से वह राज्य के मुख्यमंत्री पद पर लगातार कायम रहे, हालाकि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनने पर उन्होंने दिसंबर 2018 में इस पद से त्यागपत्र दे दिया था। मार्च 2020 के राजनैतिक घटनाक्रमों के चलते फिर से भाजपा की सरकार बनी और श्री चौहान के सिर पर 23 मार्च को एक बार फिर मुख्यमंत्री का ताज दिखायी दिया।
श्री चौहान ने कहा कि युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देना एक अवधारणा है। एक और अवधारणा है कि पैसा लाे और काम सीखो। ऐसा होने से हमारे युवक युवतियां विभिन्न क्षेत्रों में हुनरबंद बनेंगे और उनको नौकरियां तथा रोजगार मिलेंगे। उन्होंने कहा कि कल से शुरू होने वाली इस योजना में एक साल में एक लाख युवक युवतियों को एक एक लाख रुपए प्रदान किए जाने का लक्ष्य है। इसके अलावा सरकार महिला और गरीब कल्याण की भी अनेक योजनाएं पहले से ही संचालित रही है।
बस काम करना है
एक सवाल के जवाब में श्री चौहान ने कहा कि जब वे नवंबर 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तब से ही सहज रूप से कार्य करते आ रहे हैं। उन्हें यह सोचने में एक क्षण भी नहीं लगा कि क्या करना है। बस काम प्रारंभ कर दिया और लगातार काम किया। कोविड संकटकाल के अलावा और कभी कहीं परेशानी भी महसूस नहीं हुयी। न ही कभी योजनाओं के क्रियान्वयन में पैसे की कमी आयी। कोविड संकटकाल में लोगों की जान पर बन आयी थी, इसलिए कुछ समय के लिए परेशानी सी लगी, लेकिन उस समय भी लगातार कार्य किया और नागरिकों को संकट से निकालने में मदद मिलने के साथ ही राज्य में आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ाने में सफलता मिली। यह बात उनके लिए प्रसन्नता का विषय रहा।
कोविड से लड़ी लड़ाई
श्री चौहान ने कहा कि जब कोविड संकटकाल के समय उन्होंने चौथी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की, तो पहली बैठक से ही कोविड से लड़ने के लिए कार्य प्रारंभ कर दिया था। इस दौरान अन्य राज्यों से मध्यप्रदेश वापस आने वालों को सुरक्षित घर तक पहुंचाना चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन उसमें सफलता मिली। लॉकडाउन के बावजूद ऐसे लोगों को बसों आदि के माध्यम से घर तक पहुंचाया गया। उनके भोजन और दवाई के अलावा यहां तक कि पैदल चलने वालों के लिए चप्पल और जूता भी सफलतापूर्वक मुहैया कराने के काम किए गए।
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