इस ग्रहण की वैज्ञानिक जानकारी देने नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने विद्या विज्ञान कार्यक्रम का आयोजन किया । इसमें बताया कि हाईब्रिड सोलर इकलिप्स एक दुर्लभ प्रकार का सूर्यग्रहण है जिसमें पूर्ण और वलयाकार ग्रहण की घटनायें दोनो होती हैं । ग्रहण के मार्ग में यह या तो पूर्ण दिखता है जो आगे के स्थान पर वलयाकार दिखने लगता है अथवा पहले वह वलयाकार दिखेगा जो आगे के स्थान पर पूर्ण दिखने लगता है ।
सारिका ने बताया कि यह घटना तब होती है जब चंद्रमा का दिखने वाला आकार और पृथ्वी से दिखने वाला सूर्य का आकार समानता के लगभग हों । कल होने जा रहे ग्रहण में ये लगभग बराबर होंगे ।
सारिका ने बताया कि सूर्यग्रहण का आरंभ पृथ्वी के किसी एक भाग से आरंभ होकर उसका समापन दूसरे भाग पर होगा । ग्रहण की अवधि भारतीय समय के अनुसार इस प्रकार होगी –
आंशिक ग्रहण आरंभ 07:04:26
पूर्णग्रहण आरंभ 08:07:08
अधिकतम ग्रहण 09:46:53
पूर्णग्रहण समाप्त 11:26:43
आंशिक ग्रहण समाप्त 12:29:22
No comments:
Post a Comment