पता चला है कि कैदी दीपक रजक मानसिक रूप से कुछ परेशान था और ग्वालियर में उसे इलाज के लिए पिछले दिनों ही लाया गया था। जेल परिसर के नवीन जेल
के सेक्टर दो की डबल स्टोरी की बिल्डिंग की सीढियों की रेलिंग से लटककर उसने फांसी लगा ली। अपने पास किसी कपड़े से दीपक ने फांसी का फंदा बनाया और झूल गया । हालांकि उसे कुछ अन्य कैदियों ने देख लिया था और वहां शोरगुल भी मचाया। जेल प्रशासन और अन्य कैदियों की मदद से उसे फांसी से उतार भी लिया गया था लेकिन अस्पताल ले जाए जाते वक्त उसने दम तोड़ दिया। यह पता नहीं चला है कि दीपक रजक ने आखिर किन कारणों से फांसी लगाई है ।पता चला है कि वह हत्या के मामले में जेल काट रहा था उसे न्यायालय ने 2018 में आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया था। दीपक रजक पुरानी शिवपुरी का रहने वाला बताया गया है। दीपक की मौत के बाद बहोड़ापुर थाने को मामले की सूचना भेजी गई ।इसके अलावा उसके घर वालों को भी जेल प्रशासन ने सूचना भेज दी है । दीपक रजक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया ।पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है वही जेल प्रशासन ने भी बैरक के आसपास तैनात अपने कर्मचारियों के बयान आदि लिए हैं।
03 April 2023
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सजायाफ्ता कैदी ने फांसी लगाकर जान दी
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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