भोपाल। नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर ने विस्थापितों के साथ अन्याय करने के आरोप लगाए हैं।
इंदौर के नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण भवन पर चल रहे धरने प्रदर्शन को समाप्त करके भोपाल पहुंची मेधा पाटकर ने कहा कि। 37 सालों से नर्मदा बचाओ आंदोलन जारी है। इन सालों में सरकार ने विस्थापितों के साथ हर बार धोखा किया है। मेघा पाटकर ने कहा कि पुनर्वास का कार्य बचा हुआ है , उसमें सैकड़ों परिवारों को जमीन नहीं दी गई है।2019 में डूब के वक्त टीनशेड़ में रखे गये गरीब , दलित परिवारों की जांच और मकान के अनुदान के लिए विस्थापितों को आज तक इंतजार करना पड़ रहा है। उन्होने बताया कि शिकायत निवारण प्राधिकरण में न्यायाधीशों की नियुक्ति और हर तहसील में पुनर्वास अधिकारी की पदभर्ती पर इंदौर के खंडपीठ ने विस्थापितों की याचिका पर 24 अप्रैल तक राज्य शासन से जवाब प्रस्तुत करने कहां है।
मेघा पाटकर ने आरोप लगाया कि सरदार सरोवर विस्थापितों को मकान के लिए आवंटित जमीन की रजिस्ट्री न करने से मध्यप्रदेश भू - राजस्व संहिता टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट का उलंघन हुआ है। मेधा पाटकर ने 24 अप्रैल को होने वाली मीटिंग में सही निर्णय लेने का आग्रह किया है।सही निर्णय नही होने की स्थिति में कड़ी आपत्ति जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
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