दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बाद भोपाल में भी प्रदूषण के अधिक बढ़ने का खतरा बना हुआ है। सड़कों व चौराहों पर जाम लगने से गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ सड़को पर धूल उड़ने खुले में बिल्डिंग मैटेरियल बेचने सड़क किनारे धूल जमा होने समेत अन्य करणों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए निगम चौराहों पर फाउंटेन डेवलप कर नियमित रूप से फव्वारे चलाएगी जिससे हवा में धूल के कण कम हो सकें निगम के उन चोराहों को भी डेवलप करेगी जहां पहले से शहर की खूबसूरती के लिए फाउंटेन बनाये तो गए थे लेकिन उनमें कभी फव्वारे नहीं चल सकें। नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने बताया की अधिकारियों को इस प्रोजेक्ट पर काम करने के निर्देश दिए है ताकि शहर के वातावरण को सुधारा जा सके। अधिकारी जल्दी अपनी रिपोर्ट तैयार कर इस पर काम करेगें।
सवाल खड़े हो रहे हैं
- वहीं निगम के इस नवाचार पर पर्यावरण एक्टिविस्ट ने सवाल खड़े किए है उनका कहना है की निगम पहले भी करोड़ों की राशी फाउंटेन पर खर्च कर चुकी है जो अभी तक बंद बड़े है शहर के बड़े तालाब और नीलम पार्क पर बनाये गए फाउंटेन इसका उदाहरण है। अधिकारी सिर्फ कागज पर नवाचार कर पैसों की बर्बादी करते है। फव्वारे शुरू करने से प्रदूषण पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
सबकी नजर
गौरतलब है की परिवहन विभाग वाहनों के प्रदूषण की जांच puc के माध्यम से करता है अवैध रूप से डीजल-वाहन न चलें इसकी निगरानी की जाती है सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है चार्जिंग स्टेशन बनाये जा रहे है। निगम सड़को की सफाई स्वीपिंग मशीन से करती है ताकि धूल न जम सके। अब देखना होगा निगम का यह नवाचार प्रदूषण पर कितना कंट्रोल कर पाता है।
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