जानकारी के अनुसार, मामला पिपलोदा जनपत के बछोड़िया गांव का है, जहां के ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया है। रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ मतदान करने से इनकार किया है। ग्रामीणों की मांग है कि बछोड़िया फंटे से धतुरिया तक 4 किलोमीटर की सड़क न बनने से वह नाराज हैं। इस रोड की हालत बेहद जर्जर है। जो राहगीरों को आने जाने में बहुत ही ज्यादा परेशानी का कारण है। वही इसी रोड से स्वास्थ्य केंद्र जाना अगर महिला को 108 में डिलेवरी के लिए ले जाना पड़े तो रास्ते मे ही डिलेवरी हो जाए, तो रोड खराब होने से गांव में आने वाली बसे बन्द हो गई तो कुंवारे लड़को की सगाई तक नही हो पा रही है इस रोड को देखकर ही साथ इस रोड से स्कूली बच्चो को आ आना जाना होता है तो बड़ी मुश्किल से वो स्कूल पहुचते है कई बार तो बारिश में गिर जाने से खराब हो जाते तो कई बच्चो को कीचड़ होने से स्कूल तक आना भी मुश्किल हो जाता है ।
युवकों ने की नारेबाजी
जावरा विधानसभा के गांव बछोड़िया में विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। ग्रामीणों ने मुख्य मार्ग से गांव को जोड़ने वाले रास्ते पर रोड नहीं तो वोट नहीं का बैनर लगा दिया। रविवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण युवकों ने रास्ते पर खड़े होकर नारेबाजी भी की।
चार किमी का रास्ता खराब
ग्रामीणों ने बताया कि मुख्य मार्ग से गांव को जोड़ने वाला करीब चार किलोमीटर का रास्ता बेहद खराब है। रास्ते में जगह जगह गड्ढे बने हुए हैं। अक्सर लोग इन्ही में गिरकर चोटिल होते हैं। इस रोड पर बारिश के कारण रास्ते पर कीचड़ हो जाने के कारण आना जाना मुश्किल हो जाता है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। यह रास्ता मन्दसौर, प्रतापगढ़, जावरा , रतलाम, पिपलोदा सुखेड़ा रोड को बछोड़िया गांवों से होते जोड़ता है। जिसमें प्रतिदिन सैकड़ों लोग गुजरते हैं।
जनप्रतिनिधियों ने नहीं दिया ध्यान
बताया कि कई बार सड़क बनवाने को लेकर ग्राम प्रधान के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों से मांग की गई। लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। ग्रामीणों ने जब तक रोड का निर्माण नहीं तब तक गांव में किसी भी नेता को आने की पाबंदी लगा दी है। कहा कि जब सड़क नहीं बनेगी तो वह किसी भी पार्टी के नेता का गांव में प्रवेश नही होगा ।
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