राजस्थान व मप्र की सीमा से लगा होरी हनुमान मंदिर की बेहद ख्याति है। यहां 17 करोड़ से नवनिर्मित मंदिर के शिखर पर स्वर्ण कलश की स्थापना गुरुवार को हुई । भक्त मंडल के बालयोगी विष्णु अरोड़ा ने बताया कि ब्रह्मचारी जगन्नाथ महाराज की प्रेरणा से जावरा के हरिराम अरोड़ा परिवार ने ही मंदिर के नवनिर्माण की शुरुआत की थी। इसका 10 दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव 13 मई तक चलेगा।
90 किलो का है बड़ा कलश
होरी हनुमान मंदिर समिति कोषाध्यक्ष मुंशी पटेल आंजना ने बताया कि इसमें 9 स्वर्ण परत वाले कलश प्रतिष्ठित हुए हैं। मुख्य बड़ा कलश 90 किलो का है। जबकि ध्वजा दंड एक क्विंटल 50 किलो हैं । 2 मंजिला मंदिर 32 स्तंभों पर टिका है। निचली इमारत में बालाजी का निज मंदिर है। जहां प्रसिद्ध मुख्य प्रतिमा होरी हनुमानजी की विराजित हैं। उनके पास शिवलिंग और दूसरी और संजीवनी ले जाते बालाजी की प्रतिमा विराजित है। इनके सम्मुख जगन्नाथ महाराज की मूर्ति है।
मंदिर की दूसरी मंजिल पर ट्रस्ट की ओर से राम दरबार विराजित करने का प्लान है । निर्माण में धौलपुर के लाल पत्थरों का उपयोग हुआ है। 125 साल पुराने मंदिर का मुख्य आकर्षण हनुमानजी की मूर्ति है।
No comments:
Post a Comment