सबलगढ़ का यह किला मध्य प्रदेश के मुरैना से लगभग 60 किलोमीटर दूरी पर मुरैना जिले के सबलगढ़ नगर में एक पहाड़ी के शिखर पर स्थित है। सबलगढ़ किला एक मजबूत किला था शायद यही वजह रही कि इस पर जिसकी भी नजर पड़ी उसने इसे हासिल करने की कोशिश की। 17 वीं सदी में दिल्ली के शासक सिकंदर लोदी ने जब सबलगढ़ किले के बारे में जाना तो उन्होंने अपनी एक बड़ी सेना लेकर सबलगढ़ पर आक्रमण की योजना बनाई और इस किले को अपने नियंत्रण में ले लिया था। लेकिन कुछ समय बाद करौली के राजा ने मराठों की मदद से इस किले पर पुनः अधिकार कर लिया था। किले के पीछे सिंधिया काल में बना एक बांध है इसके अलावा इतिहासिक इमारतों में नवल सिंह की हवेली और कचहरी प्रमुख है। यह किला राजस्थानी शैली में बना है इसके तीन प्रमुख द्वार हैं सबलगढ़ किले को राज्य पुरातत्व विभाग के अधीन कर संरक्षित घोषित किया गया है पर्यटन विभाग भी इसे पर्यटकों के लिए विकसित करने पर जोर दे रहा है लेकिन सबलगढ़ का यह दुर्ग खंडहर हो रहा है किले की तरफ न तो पुरातत्व विभाग ध्यान दे रहा है और न ही राज्य सरकार।
20 May 2023
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सबलगढ़ किले का गौरवशाली इतिहास बयां करता कई राजवंशों की कहानी
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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