भोपाल - मध्यप्रदेश के नगरीय शहरों में सड़कों पर दौड़ने वाली सिटी बसों में सफर करना कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स को महंगा साबित हो रहा है। दरअसल, छात्र-छात्राओं को रियायती दरों मिलने वाले स्मार्ट पास की व्यवस्था को सरकार ने निष्क्रिय कर दिया है। ऐसे में अब राजधानी भोपाल के साथ साथ प्रदेश के अन्य शहरों के हजारों-लाखों निम्न आयवर्ग के घरों से आने वाले छात्र-छात्राएं परेशान हैं।
एनएसयूआई मेडिकल विंग के संयोजक रवि परमार के साथ छात्र-छात्राओं ने इस संबंध में पालिका भवन पहुंच कर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के कमिश्नर के नाम नगरीय प्रशासन विभाग के सहायक संचालक भविष्य खाब्रागड़े को ज्ञापन सौंपा कर मध्यप्रदेश में नगरीय सेवा में संचालित बस में छात्र छात्राओं के लिए रियायती पास की व्यवस्था कराने की गुहार लगाई है।
दरअसल नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा नगरीय शहरों में नगर निगम व नगर पालिका द्वारा नगरीय सेवा में संचालित बसों में आम यात्री 800 रुपए में महीनेभर अनलिमिटेड सफर कर सकते थे प्रतिदिन स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्रों को नगर निगम की ओर से पहले रियायती दरों पर स्मार्ट कार्ड अलॉट की जाती थी। छात्रों को महीनेभर के लिए 300 रुपए देने होते थे। लेकिन कोरोना काल के बाद से ये सुविधा बंद है। ऐसे में छात्रों को भी स्टैंडर्ड फेयर चुकाना पड़ रहा है। नतीजतन निम्न आय वाले घरों से आने वाले हजारों छात्र-छात्राएं पास बना पाने में असमर्थ हैं अब छात्र छात्राओं ने नगरीय प्रशासन विभाग के कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर इस संबंध में मदद की गुहार लगाई है। इस मौके पर विभिन्न कॉलेजों में अध्यनरत दर्जनों छात्र छात्राएं उपस्थित थे ।
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