गुट्टू भैया 90 के दशक में मध्य भारत के हीरो थे। 1992 के दंगों की विभीषिका झेल चुका यह पूरा अंचल 1993 के विधानसभा चुनाव मे हिंदू मुस्लिम 2 धड़ों में बंट चुका था ना कोई कांग्रेसी न भाजपाई। वोटों का इस तरह ध्रुवीकरण मध्य प्रदेश में पहली बार देखा गया था।
1993 का उत्तर भोपाल का यह चुनाव भोपाल की जनता ने लड़ा था और उसके नेता थे हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष गुट्टू भैया। दंगों के बाद हुए इस चुनाव में
मतदाताओं की लाइनें सुबह 6:00 बजे से लग गई थीं। जब नतीजा आया तो पटवा सरकार की वापसी नहीं हुई लेकिन उत्तर भोपाल में पहली बार कोई हिंदू विधायक चुना गया था।
भोपाल सीहोर रायसेन विदिशा राजगढ़ शाजापुर तक इस सीट के संघर्ष ने वोटों का ध्रुवीकरण किया था। गुट्टू भैया की जीत प्रदेश में भाजपा की हार पर भी भारी थी। उत्तर भोपाल की जीत ने पूरे मध्य भारत में लोगों को रोमांचित कर दिया था।
जीत भोपाल में जुलूस सीहोर में
उत्तर भोपाल के चुनाव नतीजों का इंतजार पूरे अंचल को था। भोपाल से लगे सीहोर में भाजपा और कांग्रेस दोनों चुनाव हार गई थी। वहां से निर्दलीय विधायक चुने गए थे। लेकिन जैसे ही उत्तर भोपाल का चुनाव नतीजा सीहोर में पता चला वहां विजयी जुलूस निकला जिसमें पूरी भाजपा और पूरी कांग्रेस के लोग थे। नारा सिर्फ एक था जीत गया भाई जीत गया गुट्टू भैया जीत गया।
No comments:
Post a Comment