पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कैलाश जोशी को राजनीति का संत कहा जाता रहा है। भाजपा की विचारधारा और रीति-नीति को सींचने और वट बनाने वालों में स्व. जोशी का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता रहा है। भाजपा की पीढ़ियों को गढ़ने वाला भी एक नाम। मगर अब भाजपा के उन्हीं पितृ पुरूष के बेटे पूर्व मंत्री दीपक जोशी शनिवार को कांग्रेस का दामन थामने जा रहे हैं। वो भी अकेले नहीं, बल्कि अपनी पिता की विरासत, विचारधारा के साथ। दीपक जोशी के शब्दों में ही कहें तो भाजपा में लंबे समय से उनके पिता का तिरस्कार हो रहा था। उन्हें सत्ता अथवा संगठन का कोई पद नहीं चाहिए, लेकिन भाजपा पिता का अपमान अब और सहन नहीं कर सकते। इसलिए शनिवार को पूर्वांह 11.30 बजे अपने पिता की तस्वीर लेकर वे कांग्रेस कार्यालय पहुंचेंगे। इसके पहले वे पीसीसी चीफ कमलनाथ के निवास पर पहुंचेंगे। दीपक जोशी के आते ही कांग्रेस के हाथ भाजपा पर आरोप लगाने के लिए बड़ा मुद्दा आ जाएगा। यह है भाजपा में संस्थापकों का सम्मान। कांग्रेस हर मंच से भाजपा को घेर सकती है कि अब वहां पितृ पुरूषों और उनके परिवारों का ही सम्मान नहीं बचा। जिस तरह भाजपा सिंधिया और उनके समर्थकों को आगे कर कांग्रेस पर निशाना साधती रही है। अब दीपक जोशी के आने से कांग्रेस को भी भाजपा की विचारधारा पर सवाल उठाने का मौका मिल जाएगा। भाजपा के लिए जहां विचारधारा और संस्कारों पर चोट से बचना एक चुनौती होगी, वहीं नाराज चल रहे वरिष्ठ नेताओं के लिए भी रास्ता खुल सकता है।
भाजपा ने किया पूरा प्रयास
यही वजह है कि दीपक जोशी की नाराजगी सामने आते ही भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने फोन लगाया तो वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा को इस काम में लगाया। संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के साथ ही संगठन के नेताओं ने भी उनसे बातचीत की। गुरूवार को प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने भी दीपक से लंबी चर्चा की। बताया जाता है कि पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा को भी इस काम में लगाया गया। बावजूद इन सबके दीपक जोशी अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं हैं। शुक्रवार को दोपहर बाद मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने साफ कर दिया कि वे कल कांग्रेस ज्वाइन करेंगे। वे अपने पिता की तस्वीर के साथ कांग्रेस ज्वाइन करेंगे।
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