मिश्रा ने कहा कि मंगलवार 30 मई को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा घोषित जांच समिति जिसके सदस्य सज्जनसिंह वर्मा, रामलाल मालवीय, श्री महेश परमार, मुरली मोरवाल, दिलीप गुर्जर, श्रीमती शोभा ओझा एवं के.के.मिश्रा है ये समिति घटना स्थल पहुंचेगी, मौका मुआयना करेगी और आवश्यक हुआ तो मुख्यमंत्री सहित जिम्मेदार भ्रष्ट अधिकारियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने में भी कोताही नहीं बरतेगी।
उन्होंने कहा कि जब महाकाल लोक के पुनर्निमाण का श्रेय यदि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ले रहे हैं तो जिम्मेदारों और भ्रष्टों को दिए गए संरक्षण से वे कैसे विमुक्त हो सकते है? मिश्रा ने इन घपले-घोटाले और अनियमितताओं के
निर्माण को लेकर सरकार से कई प्रश्नों के उत्तर चाहे हैं।
मिश्रा ने महाकाल लोक में हुए इस भ्रष्टाचार को शिवराज सरकार का सच्चा अमृतकाल बताते हुए कहा कि शिवराज कमीशन राज में तब्दील हो चुका है और इस घटना के बाद तो यह भी स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश में 50 प्रतिशत से अधिक कमीशन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है।
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