मेरे कुछ वाजिब सवाल हैं जो मैं मप्र की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी से मीडिया के माध्यम से पूछना चाहती हूं:-
1. क्या देश के लिये पर्वतारोही होना अपराध है? पर्वतारोही होने के नाते दो दिन पहले तक मैं राष्ट्रभक्त व प्रदेश का गौरव थी। कल अचानक प्रदेशद्रोही कैसे हो गई? क्यों बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ भाजपा की निगाह में अब बेटी हटाओ नारा बन गया?
2. क्या एक पर्वतारोही के रूप में देश का सम्मान बढ़ाकर गुनाह किया या फिर देश को आजादी दिलाने वाली पार्टी में प्रवेश करने के बाद क्या, मैं राष्ट्रद्रोही हो गई हूं?
3. शिवराज सरकार ने इस कृत्य से मेरा ही नहीं, समूची नारी शक्ति का अपमान किया है, बल्कि प्रदेश में राजनैतिक फसल काटने के लिये जो लाड़ली लक्ष्मी योजना, कन्यादान योजना व महिला सशक्तिकरण को लेकर जो सियासी दावे किये जा रहे हैं, उसकी पोल स्वतः ही खुल गई है। भाजपा के महिला सशक्तिकरण का सियासी नारा इस घटना के बाद स्वतः जमीदोज हो गया है।
4. मुझे यदि यह पहले मालूम होता कि 27000 फीट ऊंची विशालकाय पर्वत की चोटी को छूना मेरे लिये राष्ट्र का गौरव नहीं, बल्कि भाजपा की निगाह में अपमान साबित होगा, तो मेरा यह साहस उन भविष्य के पर्वतारोहियों के समक्ष एक चुनौती होगा, जो राष्ट्र के प्रति अपना साहसिक समर्पण समय-समय पर प्रदर्शित करते आये हैं।
5. मैं गौरवान्वित हूं कि मैंने 27000 फीट की ऊंचाई को एक पर्वतारोही के रूप में छूने के बाद वैश्विक नेता के रूप में प्रसिद्ध माननीय कमलनाथ म
होदय जी के समक्ष विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी कांग्रेस में शामिल होकर एक सच्चे, साहसिक, राष्ट्रभक्त होने का सम्मान प्राप्त किया है। मैं इस पार्टी में रहकर महिला विरोधी उन सियासी चेहरों को बेनकाव करूंगी, जो देश और प्रदेश को झूठे राजनैतिक प्रलोभनों से भ्रमित कर महज राजनैतिक सत्ता प्राप्त करने के लिए उन्हें इस्तेमाल करते हैं।
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