दरअसल, अपनी विभिन्न बीमारियों का चंगाई सभा में महज प्रार्थना करके स्वस्थ्य हो जाने का दावा के बाद इन आदिवासियों ने ईसाई धर्म अपना लिया था। लेकिन बीमारियों से छुटकारा नहीं मिलने पर इन्होंने आदिवासियों के हितों की रक्षा करने वाले जनजातीय सुरक्षा मंच ने इन पीड़ितों का ईलाज अस्पताल में कराया था। जिससे वे अपनी जटिल बीमारी की समस्या से दूर हो गए। इसी बात से प्रभावित होकर धर्म परिवर्तन कर लोगों ने घर वापसी की।
पूर्व मंत्री गणेश राम भगत का कहना है कि अब लोग अंधविश्वास से स्वतः निकलकर फिर से हिंदू धर्म में लौट रहे हैं। जनजातीय सुरक्षा मंच के प्रमुख रामप्रकाश पांडेय का कहना है कि आदिवासी वर्ग के लोग अब अपने हितों को भलीभांति समझने लगे हैं. इससे आदिवासियों की प्राचीन संस्कृति को लुप्त होने से बचाया जा सकेगा।
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