मंदसौर गोलीकांड के एक साल बाद 2018 के विधासनभा चुनाव के वक्त राहुल गांधी ने मंदसौर से ही किसानों को लुभाने के लिए कर्ज माफी का बड़ा एलान किया था। लेकिन कांग्रेस का यह दांव मंदसौर क्षेत्र में ही नहीं चला था। मंदसौर के किसानों ने कांग्रेस को नकार दिया था। मंदसौर लोकसभा की सात सीटों में से छह पर कांग्रेस हार गई थी, एक मात्र सीट पर बहुत कम वोटों से जीती। बाद में कांग्रेस विधायक बीजेपी में आ गए और यह सीट भी कांग्रेस ने गंवा दी थी। अब सातों सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। लेकिन अब कांग्रेस ने फिर से मंदसौर के किसानों को लुभाने का प्लान बनाया है हालांकि बीजेपी कांग्रेस पर आरोप लगा रही है कि, वो लाशों पर राजनीति करती है। ना सिर्फ विधानसभा बल्कि लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस मंदसौर गोलीकांड के मुद्दे को अपने पक्ष में नहीं भुना पाई। लेकिन इस बार कांग्रेस को उम्मीद है कि, स्थिति अलग होगी और एक बार फिर किसानों के सहारे वो 2023 की चुनावी नैया पार कर लेगी। शायद यही वजह भी है कि, कांग्रेस खुद को किसानों की हितैषी बताने में जुटी है लेकिन सवाल ये है कि, अगर सच में उसे किसानों की इतनी चिंता है तो वो बीते 5 साल से मंदसौर के पीड़ितों का हाल जानने क्यों नहीं आई।
06 June 2023
Home
पांच साल बाद फिर किसान याद आए कांग्रेस को
पांच साल बाद फिर किसान याद आए कांग्रेस को
Tags
# मध्यप्रदेश
Share This
About ranga-billa.com
मध्यप्रदेश
देश, मनोरंजन, राजनीति, राज्य, विदेश
मध्यप्रदेश
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Author Details
MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
No comments:
Post a Comment