गृह मंत्री डॉ मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन खरगे) कर्नाटक के हैं। इसलिए कर्नाटक में जो कानून वापस लिया गया है, इसे आप कांग्रेस का हिडन एजेंडा समझ लीजिए। खरगे जी तो कुछ बोले नहीं, वह बोलने की स्थिति में भी नहीं होंगे। लेकिन, प्रियंका, राहुल से जरूर सवाल है। प्रियंका गांधी कहतीं थीं कि, लड़की हूं, लड़ सकती हूं। मतांतरण निरोधी विधेयक तो लड़कियों की सुरक्षा के लिए था। क्या कानून रद् करना जिहादियों को संरक्षण देना नहीं है? इससे एक बात स्पष्ट हो गई कि कांग्रेस का हाथ, जिहादियों के साथ।
गृह मंत्री ने कहा कि मेरी तो यही प्राथना है कि देश की जनता कांग्रेस के इस हिडन एजेंडे को समझ ले और सावधान हो जाय।
कर्मचारियों को धमकाना कमल नाथ की हताशा
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ द्वारा कर्मचारियों को लेकर दिए गए बयान की आलोचना करते हुए गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वह (कमल नाथ) ऐसा पहली बार नहीं कह रहे हैं। ये हार की हताशा है। उनको अब लगने लगा है। अधिकारी-कर्मचारियों के साथ वह गुलामों जैसा व्यवहार करना चाहते हैं। अधिकारी-कर्मचारी सब पढ़े-लिखे होते हैं और कमलनाथ जी आप के समय में जब दिग्विजय सिंह सीएम थे तब उन्होंने भी कहा था कि हमें इनके वोट नहीं चाहिए। कभी आप कहते हो कि 15 महीने बाद हिसाब लूंगा, कभी कहते हो बीजेपी के लिए काम करने वालों की मैं सूची बना रहा हूं। कभी कहते हो अफसरों पर चर्बी चढ़ गई है। यह निंदनीय कृत्य है। इनकी धमकी से कोई डरने वाला नहीं है।
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