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11 June 2023

कैदी की मौत के बाद परिजनों ने किया शव रखकर किया प्रदर्शन


दमोह। दमोह जिला जेल में  एक कैदी की मौत के बाद आज परिजनों एवं समाज के लोगों ने सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन करते हुए चक्काजाम किया और परिजनों ने न्याय की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की।

307 की सजा काट रहे एक कैदी की जेल में मौत हो जाने के बाद परिजनों एवं समाज का गुस्सा प्रशासन पर फूट पड़ा। शव परीक्षण के बाद परिजनों ने दमोह के अस्पताल चौराहे पर शव रखकर धरना दिया और  चक्का जाम कर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की। दरअसल दमोह देहात थाना क्षेत्र के ग्राम मंगोलिया निवासी तोताराम पुत्र दशरथ काछी की कस्टोडियल मौत हो गई थी। जेल प्रशासन ने मौत का कारण दिल का दौरा पड़ना बताया है। लेकिन परिजन इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है। मृतक के साथ 6 अन्य परिजन भी जेल में सजा काट रहे हैं। चूंकि मृतक और उसके अन्य परिजनों को कारावास के साथ 40 हज़ार रुपए का अर्थदंड भी भरना था, लेकिन अर्थदंड न भर पाने के कारण उन्हें तीन 3 महीने का अतिरिक्त कारावास की सजा काट रहे  है। इसी दरमियान तोताराम काछी की मौत हो गई। परिजनों को समझाइश देने पहुंचे तहसीलदार मोहित जैन एवं देहात थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह राजपूत की भी परिजनों ने नहीं सुनी।

भीषण गर्मी के बीच परिजन एवं समाज के लोग सड़क पर बैठे रहे और छोटे-छोटे बच्चे हाथ से हाथ पकड़ कर चक्का जाम करवाते रहे। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने शिवराज सरकार, पुलिस प्रशासन एवं दमोह विधायक अजय टंडन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। प्रदर्शनकारी समाज के नेता योगेंद्र कुशवाहा ने आरोप लगाया कि यह सामान्य मृत्यु नहीं है यह हत्या है जेल प्रशासन के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होना चाहिए। 


मृतक के बेटे पवन ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि उसके पिता 5- 6 दिन से बीमार थे। लेकिन जब वह दवा लेकर जाता था तो उसके पिता से उसे मिलने नहीं दिया जा रहा था न उनका जेल के डॉक्टर या अस्पताल में उपचार कराया जा रहा था। जिसके कारण उनकी मौत हो गई। पीड़ित ने आरोप लगाया कि जेल में पदस्थ संतरी हसन खान एवं परवेज खान 10 हज़ार रुपए की लगातार मांग कर रहे थे। रुपए न दिए जाने के कारण उनके पिता का इलाज भी नहीं कराया गया। बल्कि मौत की सूचना जेल प्रशासन ने तब दी जब सारी कार्रवाई कर ली गई और शव परीक्षण करा लिया गया। पीड़ित का कहना है कि शासन-प्रशासन आकर उनकी बात सुने। 7 लोग जेल में बंद हैं पिताजी खत्म हो चुके हैं। छोटे-छोटे बच्चे हैं उनके भरण-पोषण की समस्या है। इसलिए उनके लिए मुआवजा दिया जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो।


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