भोपाल--एमपी की राजधानी भोपाल में नई दिक्कत सामने आ रही है। कोविड से ठीक होने के बाद भी कई लोगों के फेफड़े अपनी पुरानी क्षमता को प्राप्त नहीं कर पाए..इनके फेफड़ों पर इतना खराब असर पड़ा है कि प्रदूषण की चपेट में आने से फेफड़ों में तुरंत संक्रमण हो रहा है..अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।
वायु प्रदूषण इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है। नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, ओजोन जैसी हानिकारक गैस और कण आम तौर पर धुआं और धूल में पाए जाते हैं और अस्थमा के शिकार लोगों के लिए खतरा पैदा करते हैं। जेपी अस्पताल के अधीक्षक ने बताया प्रदूषण के बढऩे से सीओपीडी, सांस व अस्थमा के मरीज बढ़ जाते हैं। खुद से दवा लेने से समस्या बढ़ सकती है। कोविड से कई लोगों के फेफड़े अपनी पुरानी क्षमता को प्राप्त नहीं कर पाए। ऐसे में इनको जल्दी संक्रमण हो जाता है..सभी बाहर जाते समय फेस मास्क का प्रयोग करें।
बढ़ रहा है प्रदूषण का स्तर
बता दे की राजधानी में पिछले तीन सालों से लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। साल 2022 में शहर का एक्यूआइ 190 दिन 100 से ऊपर रहा यानि हवा की स्थिति चिंताजनक रही। जबकि 2021 में ये 150 दिन रहा।दरअसल खराब हुई सड़कों के कारण ये दिक्कत आ रही है। सड़कों से उड़ती धूल शहरवासियों को गंभीर बीमारियां दे रही हैं। बीते सालों की तुलना में अस्पतालों में सांस और अस्थमा के मरीज बढ़े हैं। रोजाना के करीब 10 गंभीर केस तो सरकारी अस्पतालों में पहुंचते ही हैं।
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