ऐसा ही कुछ हुआ जब बुधवार को छत्तीसगढ़ बीजेपी के प्रदेश सह प्रभारी नितिन नबीन बिलासपुर पहुंचे। जहां उन्होंने आगामी 30 जून को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यक्रम को लेकर बैठक रखी। इसके साथ ही बिलासपुर भाजपा कार्यालय में मीडिया संवाद रखा। जिसमें नेतृत्व के सवाल पर नितिन नबीन ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का कौन नेतृत्व कर रहा था? वहीं समय आयेगा तो हमारी पार्टी यह भी स्पष्ट कर देगी कि बीजेपी में चेहरा कौन होगा?
दरअसल मौजूदा समय में भारतीय जनता पार्टी के पास केवल 14 सीटें हैं, ऐसे में उन्हें 46 सीटों तक पहुंचने का सफर तय करना होगा जो कि फिलहाल इनकी राजनीतिक खींचतान और अंदरूनी नाराजगी और भी मुश्किलें बढ़ाती जा रही है। जहां पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के प्रभाव और उनके राजनीतिक कद का सभी को बखूबी अंदाजा है, लेकिन फिर भी प्रदेश के सह प्रभारी ने उनके नाम तक को टि्वटर हैंडल में लिखना लाजमी नहीं समझा है। जाहिर सी बात है यहां खेमे की राजनीति अपने चरम पर है, संगठन और पार्टी के बड़े नेताओं के बीच वैचारिक दूरी अब लोगों के बीच चर्चा का विषय है। यही कारण है कि नितिन नबीन ने अपने टि्वटर हैंडल में जिन बड़े छत्तीसगढ़ के नेताओं के नाम का जिक्र नहीं किया है, वह अब पार्टी में अपनी पूरी निष्ठा के साथ भला कैसे काम करेंगे..?
गौरतलब है कि जल्द ही बिलासपुर शहर में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा पहुंचने वाले हैं कार्यक्रम को सफल बनाने की जिम्मेदारी इन्हीं स्थानीय नेताओं की होगी, लेकिन नेता अपने ही पार्टी के सह प्रभारी से नाराज होते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे में कार्यक्रम की सफलता तो दूर भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ में वापस कर पाए, इसकी भी संभावना ना के बराबर होती जा रही है..! सवाल ये भी की छत्तीसगढ़ में जिस मुख्यमंत्री ने 15 सालों तक अपने नेतृत्व में सरकार को बखूबी चलाया है, आज भारतीय जनता पार्टी ने उस मुख्यमंत्री से ही किनारा कर लिया है। वहीं डॉ. रमन सिंह इस बात से इत्तेफाक रखते हैं अलबत्ता उन्होंने कभी भी मीडिया के सामने खुद की नाराजगी जाहिर नहीं की है।
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