भोपाल नगर निगम में डीजल चोरी का मामला पहला नहीं है। इससे पहले करोड़ों रुपए
के डीजल चोरी के मामले की जांच खुद नगर निगम ने लोकायुक्त से की थी। हालांकि इस मामले में अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। लोकायुक्त ने कई अधिकारियों के खिलाफ नगर निगम को कार्रवाई करने की अनुशंसा की लेकिन इस पर भी अब तक कोई फैसला नगर निगम में नहीं लिया है। पिछले 2 सालों से डीजल चोरी की घटनाएं सामने नहीं आई लेकिन दो-तीन दिन पहले ही डीजल चोरी की घटनाएं नगर निगम में सामने आ गई। इस मामले पर प्रतिपक्ष परिषद की शबिस्ता जकी का कहना है कि संबंधित व्यक्ति को बर्खास्त किया जाए। सीसीटीवी फुटेज खंगाल कर कार्रवाई की जाए। महापौर हमेशा बोलती है कि कार्रवाई करेंगी लेकिन कार्रवाई नहीं होती है।
बहरहाल नगर निगम में डीजल चोरी को लेकर कई नगर निगम को फैसले लेने पड़े। यहां तक की डीजल चोरी की घटनाओं को देखते हुए नगर निगम को सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पड़े। इसके बाद भी नगर निगम में डीजल चोरी की वारदात थमने का नाम नहीं ले रही है। सवाल यह भी खड़े करते हैं कि आखिर अधिकारियों की मिलीभगत से बगैर कर्मचारी ऐसी हरकतें नहीं कर सकते हैं।
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