एडिशनल एसपी नवल सिंह सिसोदिया ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 16 जून रात्रि करीबन 10 बजे पुलिस को सूचना मिली थी कि ग्राम माणा में हत्या की वारदात हो गई है। सूचना मिलने पर थाना प्रभारी विजय सागरिया पुलिस बल के साथ घटनास्थल पहुंचे और जांच शुरू की। शुरुआती जांच में मृतक के परिजनों ने ग्राम के सरपंच मांगीलाल गुर्जर पर जमीन विवाद के चलते हत्या की आशंका जताई थी। मृतक के परिजनो का कहना था ग्राम के मांगीलाल से मृतक लक्ष्मीनारायण के साथ जमीन का विवाद चल रहा था, लोगो का कहना था कि मांगीलाल ने मृतक की जमीन करीब 15 साल पहले गिरिवी रखी थी जो वापस नहीं दे रहा था, लेकिन घटना के कुछ दिन पहले ही दोनो में करीब 2 लाख रुपए में समझौता हुआ था, जिसके चलते मृतक को जमीन वापस दे दी थी। ऐसे में शंका की सुई सभी तरफ से मांगीलाल की ओर इशारा कर रही थी। ओर इसी कारण भीम आर्मी सहित अन्य संगठनों ने मृतक के परिजनों के साथ मिलकर मांगीलाल को आरोपी मानकर उस पर सख्त कार्यवाही की मांग की थी। इसके चलते पुलिस द्वारा भी शुरुआती जांच में मांगीलाल को थाने लाकर पूछताछ शुरू की थी। लेकिन पुलिस ने जब बारीकी से जांच की तो मामला कुछ ओर ही निकला।
पहले बलि चढ़ाने का करता था काम
पुलिस की जांच में सामने आया कि घटनास्थल आरोपी के नए घर का था। पुलिस की जानकारी में यह भी आया कि मृतक उसी के समाज का होकर उसका अक्सर वहां आना जाना लगा रहता था। घटना वाली रात भी वह उसके घर के बाहर आंगन में पहुंचा था और आरोपी की पत्नी से चाय बनाकर लाने को कहा था। आरोपी की पत्नी जैसे कि घर मे चाय बनाने के लिए अंदर गई तभी मौका पाकर आरोपी अम्बाराम ने खटिया पर सो रहे लक्ष्मीनारायण की गर्दन पर कुल्हाड़ी से एक के बाद एक तीन वार कर दिए। जिससे उसकी मौके पर ही तत्काल मौत हो गई। वारदात कर आरोपी तत्काल वहां से भाग कर समीप स्थित अपने खेत मे गया और कुल्हाड़ी को जमीन में गाड़ कर छुपा दिया। और खुद अपने दूसरे मकान में जाकर सो गया। पुलिस जानकारी में यह भी आया की आरोपी पहले कसाई के जैसे बकरे की बलि चढ़ाने का काम करता था जिसके चलते उसने एक ही झटके में उसने मृतक का काम तमाम कर दिया था। शंका के आधार पर पुलिस की सख्ती से की गई पूछताछ में पूरे मामले का खुलासा हो गया। पुलिस द्वारा मामले में आरोपी अम्बाराम को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है।
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