बोर्ड की मप्र में 80 हजार करोड़ से ज्यादा की मिल्कीयत है। इनसे बोर्ड को महज सात प्रतिशत आय चंदा निगरानी के रूप में होती है। लेकिन शेष राशि (9 3 फीसदी) मुतवल्ली या प्रबंध समितियां अपनी इच्छा से करती हैं। इसको लेकर बोर्ड अध्यक्ष सनवर पटेल ने बताया कि प्रथम चरण में उन वक्फों का चयन किया है। जिनकी सालाना आमदनी एक लाख रुपए से अधिक है। पटेल ने बताया कि बोर्ड ने अपनी योजना को अमली जामा पहनाने की खातिर सुझाव एवं आपत्तियां भी 23 जून तक आमंत्रित की है।
उनके मुताबिक एक चार सदस्यीय वक्फ काउंसिल की लेंगे मदद लेंगे। दरअसल, वक्फ काउंसिल 50 लाख रुपए से लेकर 25 करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता शैक्षणिक कार्यों के लिए उपलब्ध कराती है। कोशिश है कि काउंसिल के सहयोग से बड़ा शिक्षण संस्थान कायम किया जाए।
No comments:
Post a Comment