भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के. के. मिश्रा ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश के परिवहनविभाग के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का कार्यालय लूट का अड्डा बना हुआ है। भारत सरकार भूतल परिवहन मंत्रालय द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश के बाद भारत गणतंत्र में बी.एस.-6 मॉडल के वाहनों का निर्माण प्रारंभ किया गया, क्योंकि उक्त टेक्नोलॉजी के वाहनों में साइलेंसर नहीं होता है तथा वाहन में उत्सर्जित कार्बन को टेक्नोलॉजी के माध्यम से इंजन के अंदर ही यूरिया के माध्यम समावेशित कर लिया जाता है और किसी प्रकार का कोई भी प्रदूषण उपरोक्त वाहनों से नहीं निकलता है, इसीलिए इन वाहनों में साइलेंसर की व्यवस्था भी नहीं की गई है। इसी प्रकार सीएनजी वाहनों को भी प्रदूषण मुक्त सर्टिफिकेट जारी किया गया है।
भोपाल क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के साथ-साथ प्रदेश के सभी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में बी.एस.-6 टेक्नोलॉजी एवं सीएनजी से चलने वाले वाहनों से भी पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट मांगा जाता है जो नियमों के विरुद्ध है, क्योंकि इन वाहनों में साइलेंसर नहीं होता और किसी प्रकार का कोई कार्बन उत्सर्जित होकर बाहर नहीं निकलता है, इसलिए पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट जारी होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता किंतु इसके बावजूद भी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों द्वारा प्रत्येक वाहन स्वामी से फर्जी सर्टिफिकेट देने के लिए दबाव डाला जाता है और इसके बिना वहां का फिटनेस नहीं किया जा रहा है। फर्जी पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनाने के लिए प्रत्येक वाहन मालिक से 500/- रू. की वसूली की जा रही है और इस प्रकार पूरे प्रदेश में लगभग 7 करोड़ रुपए परिवहन कार्यालय में भ्रष्टाचार के माध्यम से संकलित किया जा रहा है और इस धनराशि में कौन-कौन हिस्सेदार हैं इसकी गहन जांच आवश्यक है।
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