प्रदेश में सिंचाई की क्षमता बढ़ी है, हम पानी की एक-एक बूंद का उपयोग करने के लिए कैनाल इरीगेशन के स्थान पर प्रेशराइज्ड पाइप से सिंचाई की व्यवस्था कर रहे हैं, इससे उपलब्ध पानी से पौने 2 गुना अधिक क्षेत्र में सिंचाई संभव हो रही है। साथ ही प्रदेश में जल- संरचनाओं का जाल बिछाया गया है। इन कार्यों के लिए ही भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को पुरस्कृत किया गया है। इस उपलब्धि के लिए जल संसाधन पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा नर्मदा घाटी विकास विभाग बधाई के पात्र हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रीगण को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान को जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय से प्राप्त चतुर्थ राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2022 का प्रशस्ति-पत्र और प्रतीक-चिन्ह भेंट किया।
जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में जब से सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण माइक्रो सिंचाई योजनाओं के रूप में किया जाने लगा है, तब से मध्यप्रदेश में पानी की अधिक बचत हो रही है। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग द्वारा जल-संरक्षण/प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रयासों को सम्मानित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में मध्यप्रदेश को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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