गटर में बनी जहरीली गैस इन युवकों के लिए जानलेवा साबित हुई। घटना की जानकारी मिलते ही नगर निगम प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सफाई ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही के आदेश दे दिए गए । स्पष्ट दिशा निर्देशों के बावजूद बिना सुरक्षा व्यवस्था के सफाई कर्मी गटर में क्यों उतरे अब इस पर विरोधाभासी बयान आना शुरू हो गए हैं ।नगर निगम ने पहले दावे किए हैं कि बिना सुरक्षा व्यवस्था के कोई भी सफाई कर्मी गटर में नहीं उतारा जाए। बिना सुरक्षा उपकरणों के गटर की सफाई के लिए पहले विक्रम करोसिया गटर में उतरा ।उसका गटर में दम घुटने लगा ऊपर खड़े अमन ने यह देखा तो वह उसे बचाने के लिए गटर में उतरा ।वह भी गटर में घुसते ही बेहोश हो गया। कुछ ही क्षणों में दोनों के शरीर शांत हो गए। नगर निगम के अधिकारियों को जब इसका पता चला तो पुलिस के साथ में वो भी मौके पर पहुंच गए ।कांग्रेस ने इसके लिए सरकारी रवैये को जिम्मेवार ठहराया है। वही स्थानीय विधायक एवं प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर बिरला अस्पताल पहुंच गए और उन्होंने सरकार की ओर से मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता की घोषणा की है और युवकों के परिजनों के एक-एक सदस्य को आउट सोर्स पर रखने का आश्वासन दिया है ।
15 June 2023
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सीवर साफ करने उतरे दो युवकों की मौत
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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