यात्रा के दौरान कई समस्याओं का सामना करते हुए लगातार चार माह में 2000 किलोमीटर की यात्रा तय कर आज शहडोल के बाणगंगा मेला तीर्थ स्थान पर पहुंचा जहां रात्रि विश्राम के बाद फिर से पैदल यात्रा पर निकल गया।
समरेंद्र ने बताया कि वह समाज को यह संदेश देना चाहते हैं कि भगवान श्रीराम जिस उद्देश्य के साथ यात्रा करते हुए विजय प्राप्ति की थी। उसी का संदेश देने के लिए उन्होंने यह पैदल यात्रा रामनवमी के दिन से शुरू की है। आज लगभग 4 माह में 2000 किलोमीटर पैदल यात्रा कर चुके हैं। और लगभग 2 वर्षों में बाकी की 13000 किलोमीटर की पैदल यात्रा तय करेंगे।
वीडियोग्राफी भी कर रहे
इस दौरान उन सभी स्थलों की वीडियोग्राफी भी कर रहे हैं जहां से वर्षों पूर्व भगवान श्रीराम गुजरे थे उनमें से कई स्थान खंडहर हो चुके हैं उनका जीर्णोधार भी आवश्यक है। इसलिए वह वीडियोग्राफी भी कर रहे हैं उन्होंने लोगों से अपील की है कि सनातन धर्म में रहते हुए अपने धर्म का महत्व समझे युवा पीढ़ी खासकर नशे की आगोश में ना आए सनातन धर्म की रक्षा करते हुए उत्कृष्ट कार्य करें।
मंदिरों में हो रहा भोजन
उन्होंने बताया कि पैदल यात्रा के दौरान बाहर का भोजन भी ग्रहण नहीं कर रहे हैं साधु संत के साथ रहकर मंदिर का प्रसाद या अन्य जगह का भोग प्रसाद ही ग्रहण कर रहे हैं। अत्यधिक भूख लगने पर फल खा लेते हैं अन्यथा बाहर का भोजन ग्रहण नहीं करते हैं उनके पीठ के बैग में लगे बोर्ड को देखकर कुछ लोग सहायता भी करते हैं पैदल यात्रा के दौरान उनके मना करने के बावजूद भी उन्हें उनके गंतव्य तक वाहन में बैठाकर छोड़ते भी हैं।
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