मंत्रालय का पत्र आयुक्त कार्यालय मे अटका
शासकीय महाविद्यालयीन जनभागीदारी कर्मचारी संघ के भारी प्रयासों के बाद किसी तरह से अवर सचिव मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल द्वारा जनभागीदारी श्रमिको के विनियमितीकरण के संबंध मेे मई माह मे आयुक्त उच्च शिक्षा के नाम पत्र जारी किया गया किन्तु आज लगभग तीन माह बीतने के बाद भी आयुक्त कार्यालय द्वारा उस पत्र पर कोई कार्यवाही नही की गई, जिस कारण जनभागीदारी कर्मचरियों का विनियमितीकरण अधर मे अटका हुआ है। संघ के पदाधिकारी एवं महाविद्यालयीन कर्मचारी आये दिन आयुक्त कार्यालय के चक्कर काट रहे है किन्तु आधिकारी कर्मचारी कभी आग लगने तो कभी विधानसभा का हवाला देकर किनारा काट लेते है।
सरकार मे भी नही हो रही सुनवाई
प्रदेश के महाविद्यालयों मे जनभागीदारी एवं अन्य निधियों मे कार्यरत श्रमिकों द्वारा लगातार उच्च शिक्षा मंत्री जी को ज्ञापन सौंपे गये एवं श्रमिकों के भविष्य को लेकर उनसे निवेदन एवं विनती की गई किन्तु उनके द्वारा भी कार्यरत श्रमिकों को लेकर आज दिनांक तक कोई भी कार्यवाही नही की गई । जब सभी विभाग के कर्मचारी अपनी अपनी मांगो के पूरी होने पर खुशी जाहिर कर रहे है ऐसे मे उच्च शिक्षा विभाग के श्रमिको की कोई सुनवाई नही हो रही है। वे लगातार अपनी मांग के लिये दर-बदर भटर रहे है।
महाविद्यालयों के मुख्य अंग है जनभागीदारी श्रमिक
वर्तमान समय मे प्रदेश के महाविद्यालयों मे जनभागीदारी एवं अन्य निधियों मे कार्यरत श्रमिक महाविद्यालयों की रीड की हड्डी की तरह है। ये श्रमिक महाविद्यालय मे कम्प्यूटर आपरेटर से लेकर स्वीपर तक के पद मे कार्य रहे है एवं महाविद्यालय के प्रवेश, परीक्षा, कार्यालय, प्रशासनिक आदि कार्याें मे लगातार अपना सहयोग दे रहे है एवं महाविद्यालय के प्राचार्य के द्वारा प्रदान किये गये प्रत्येक कार्य को पूरी लगन और मेहनत के साथ पूरा करते है।
मुख्यमंत्री से लगायेंगे गुहार
शासकीय महाविद्यालयीन जनभागीदारी कर्मचारी संघ म.प्र. के बैनर तले पूरे प्रदेश के महाविद्यालयों मे जनभागीदारी एवं अन्य निधियों मे कार्यरत श्रमिक अब मुख्यमंत्री के सामने गुहार लगाने का मन बना चुके है। यदि जल्द ही आयुक्त उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश शासन द्वारा हमारे विनियमितीकरण से संबंधित पत्र नही जारी किया जाता है तो अब पूरे प्रदेश के श्रमिक भोपाल मे मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर धरनाप्रदर्शन करने पर मजबूर होगे।
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