दरअसल ये तीनों युवक ओरछा में भगवान रामराजा सरकार के दर्शन करने आये थे और ये शाम को नदी के किनारे घुमते घुमते नदी में पानी कम होने के कारण नदी के बीच चट्टानों पर चले गए। लेकिन अचानक नदी में पानी का बहाव ना केवल तेज हो गया बल्कि जलस्तर भी बढ़ने लगा। घबड़ाये इन युवकों की चीख पुकार जब किनारे लोगों ने सुनी तो तत्काल ओरछा थाने में इसकी सुचना दी। इसके बाद रात्रि में एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम को तत्काल मौके पर रवाना किया गया लेकिन जब रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची तो वहां देखा कि 1 किलोमीटर तक जंगल होने के कारण रेस्क्यू वाहन वहां तक पहुंचना संभव नही है। ऐसे में रेस्क्यू टीम ने मोटर बोट व समस्त आपदा प्रबंधन सामग्री को हाथों से नदी के किनारे पहुंचाया और रेस्क्यू प्रारंभ किया। जिसमें कड़ी मेहनत व सावधानी से तीनों युवकों को मोटर बोट की मदद से देर रात बाहर निकाल लिया गया। अंधेरा अधिक होने के कारण रेस्क्यू टीम को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वही नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा था जिसके चलते इन युवकों के पानी मे बह जाने का भी खतरा बना हुआ था इसीलिए रात में ही ये रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया।
19 July 2023
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बेतवा नदी में फंसे तीन पर्यटकों को सुरक्षित निकाला
बेतवा नदी में फंसे तीन पर्यटकों को सुरक्षित निकाला
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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