भोपाल - राजधानी सहित मध्य प्रदेश के सभी सरकारी डॉक्टरों के लिए स्वास्थ्य मुख्यालय ने साफ किया है कि सार्थक ऐप के जरिए ही अटेंडेंस होगी। डॉक्टर इस व्यवस्था के खिलाफ पहले से ही है। लेकिन जेपी अस्पताल के डॉक्टर सार्थक एप एंट्री नहीं कर रहे है। इमरजेंसी ड्यूटी का हवाला देकर एक बार फिर डॉक्टर और नर्स फिर से विरोध कर रहे हैं।
अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है,लेकिन ड्यूटी करने के बजाय डॉक्टर खुद की क्लीनिक चलाने में व्यस्त हैं। सरकार भले ही उन्हें मरीजों के इलाज के लिए योगदान कर रही है, लेकिन निजी अस्पतालों में डॉक्टर ड्यूटी कर रहे हैं। इस व्यवस्था को खत्म करने के लिए स्वास्थ्य मुख्यालय ने सार्थक ऐप के जरिए ऑनलाइन अटेंडेंस का आदेश जारी किया है। डॉक्टरों को अनिवार्य रूप से इस आदेश का पालन करना है नहीं तो उनकी सैलरी कटेगी। मुख्यालय के आदेश के बाद फिर भी डॉक्टर सार्थक एप एंट्री नहीं कर रहे है।
गोलमाल जबाव दे रहे जिम्मेदार
जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि मुख्यालय की तरफ से आदेश जारी किया गया है सभी डॉक्टर सार्थक एप में एंट्री कर रहें है। टेक्निकल प्रॉब्लम की वजह से कुछ डॉक्टर एंट्री नहीं कर पाए हैं,लेकिन बायोमेट्रिक मशीन द्वारा भी अटेंडेंस दर्ज हो रही है। इधर सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी का कहना है कि सार्थक एप अटेंडेंस को लेकर सभी जिला अस्पतालों में आदेश जारी कर दिए हैं। अधिकतर डॉक्टरों ने सार्थक एप के माध्यम से अटेंडेंस देना भी शुरू कर दी है। जो भी डॉक्टर और कर्मचारी सार्थक एप का उपयोग नहीं करेगा,शासन की गाइडलाइन अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर के निरीक्षण में खुली थी पोल
जिस व्यवस्था के खिलाफ जेपी अस्पताल सहित प्रदेशभर के डाक्टर विरोध कर रहे हैं..उसकी पोल पिछले दिनों कलेक्टर आशीष सिंह के निरीक्षण के बाद खुल गई..कलेक्टर जेपी अस्पताल में निरीक्षण करने के लिए गए थे। यहां मौजूद 20 से अधिक डॉक्टर नदारद थे।आखिरकार डॉक्टरों के खिलाफ कलेक्टर ने कार्रवाई करने का निर्देश दिया। जिसके बाद मुख्यालय ने भी सार्थक ऐप के जरिए अटेंडेंस को अनिवार्य कर दिया है।लेकिन उसके बाद भी भोपाल ज़िला अस्पताल डॉक्टर समय पर डॉक्टर ओपीडी के नहीं पहुँच रहे है।
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