कुणाल चौधरी ने कहा कि, एक सोची समझी साजिश और षड्यंत्र के तहत आदिवासियों की जमीनो पर कब्जे किए जा रहे हैं। 92 हजार करोड़ की जमीन को सरकारी सिस्टम से परमिशन लेकर हथियाया गया है। पेसा एक्ट के तहत कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए गए और अब बीजेपी अपने लोगो की पटवारी में फ़र्ज़ी नियुक्ति कर रही है। कुणाल ने कहा कि, यह फ़र्ज़ी पटवारी आदिवासियों की जमीनों को बीजेपी के लोगों को दिलाने का काम करेंगे। कुणाल ने कहा कि, आदिवासियों के खिलाफ बीजेपी ने संगठित सोच के तहत षडयंत्र शुरू किया है।
पटवारी परीक्षा में हमने देखा कि दिव्यांग कोटे से 16 बच्चों ने परीक्षा दी जिसमें से 12 के कान खराब थे,और उनमें भी 2 सगे भाई थे। यह सब दिखाता है कि मध्य प्रदेश में लूट मची हुई है। कुणाल ने कहा कि, प्रदेश सरकार को बेरोजगार युवाओं से माफी मांग कर उनकी फीस जल्द वापस करनी चाहिए।
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