भोपाल। पहले बच्चा गोद लेना हो तो अभिभावक को कोर्ट में पेश होने के लिए मजबूर किया जाता था। वहां से ऑर्डर लेना होता था। प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशानुसार जनता, कार्यकर्ता, प्रशासक से संवाद करने के बाद यह ध्यान में आया कि अभिभावक यह कहने लगा कि हम कोर्ट क्यों जाएं? जहां पर चोर-उचक्के, बलात्कार और कई घटनाओं के निर्णय होते हैं। यह कहना है केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी का। वे आज भोपाल में वत्सल भारत कार्यक्रम में शामिल होने आई हैं।
बाल संरक्षण, बाल सुरक्षा और बाल कल्याण पर केंद्रित यह कार्यक्रम भोपाल के रविंद्र भवन हुआ था। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि बच्चे को गोद लेना तो पुण्य का काम है। अगर आप सरकार में हमारी सुविधा बढ़ाना चाहते हैं, तो आप यह अधिकार जिला प्रशासन को दे दें। उन्होंने कहा कि कानून में बदलाव से पहले देशभर में 900 अडप्शन के केस कई कोर्ट में लंबित थे। जैसे ही मोदी सरकार ने कानून में तब्दीली कर जिला प्रशासन को दायित्व दिया, तब से लेकर एक साल में 2250 से ज्यादा बच्चों का देशभर में अडॉप्शन हो चुका है। ईरानी ने कहा किअगर 18 साल से कम उम्र की बेटियों के संरक्षण के लिए कोई प्रोजेक्ट हो जो निर्भया फण्ड के अन्तर्गत आता हो आप प्रपोजल हम तक पहुँचाए। हम केंद्र और राज्य सरकार से चर्चा करेंगे और शत प्रतिशत पैसा आप तक पहुँचायेंगे हम 74 करोड़ रुपय बेटियों को समर्पित करेंगे ,4 हज़ार रुपय उनको देंगे।
लाड़ली बहना योजना की प्रशंसा
वहीं लाड़ली लक्ष्मी योजना को लेकर स्मृति ईरानी ने ख़ुशी जताते हुए कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना जैसी योजना इस प्रदेश में शुरू हुई.. । बेटियाँ इसमें शामिल है,ये मुझे आनंदित करता है। उन्होंने कहा कि अब से चाइल्ड लाइन राज्य सरकारों के हाथों में सौंपी जाएगी। जिससे जल्द से जल्द मदद उपलब्ध करवाई जाएगी। ये बदलाव बहुत बड़ा है अब बच्चों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। सरकार अब बच्चों का संरक्षण कर रही है ये भारत का अमृत काल है। इसके साथ ही बड़ी घोषणा करते हुए ईरानी ने कहा कि हर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी का दफ़्तर बनाने की ज़िम्मेदारी भारत सरकार ख़ुद ले रही है। जिस बच्चे को सरकार मी मदद की दरकार है.. जिससे मिशन वात्सल्य के अन्तर्गत सरकार कर सके। बाल संरक्षण के बजट में 230 परसेंट की वृद्धि हुई है ..अब देश भर में 65 हज़ार बच्चों का संरक्षण भारत सरकार कर रही है।
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