आदि तीर्थ के रूप में विख्यात भगवान श्री राम की तपोभूमि चित्रकूट में श्रावणी (हरियाली)अमावस्या के उपलक्ष्य पर देश भर से लाखो श्रद्धालुओ का सैलाब उमड़ पड़ा।पौराणिक तीर्थ स्थित पतित पावनी मंदाकिनी नदी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए तड़के से ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा शुरू हो गया था। श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी नदी में डुबकी लगाकर रामघाट स्थित सृष्टि के प्रथम शिवलिंग स्वामी मत्तगजेंद्र नाथ भगवान का जलाभिषेक किया।इसके बाद मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा लगाई। हरियाली अमावस्या के पावन पर्व पर चित्रकूट आए लाखो कावड़ियो और श्रद्धालुओ पर सीएम योगी के निर्देश पर हेलीकाप्टर से रामघाट और कामदगिरि परिक्रमा पर पुष्प वर्षा कर सरकार द्वारा श्रद्धालुओ का अभिवादन किया गया।इस दौरान बांदा -चित्रकूट सांसद आर के सिंह पटेल,जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन पंकज अग्रवाल,जिलाधिकारी अभिषेक आनंद, अपर पुलिस अधीक्षक चक्रपाणि त्रिपाठी, सदर एसडीएम राजबहादुर आदि ने भी मेले आए श्रद्धालुओ पर फूल बरसा कर स्वागत किया।
चित्रकूट के प्रमुख संत भरत मंदिर के महंत दिव्य जीवन दास महाराज और कामदगिरि प्रमुख द्वार के संत मदन गोपाल दास महाराज ने सीएम योगी द्वारा सोमवती अमावस्या मेले में आए लाखो श्रद्धालुओ पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा कराए जाने की सराहना की।महंत दिव्य जीवन दास महाराज ने कहा कि पुष्प वर्षा कर सीएम योगी ने धर्म नगरी चित्रकूट के मान और सम्मान को बढ़ाने का काम किया है। ऐतिहासिक पर्व की महिमा का बखान करते हुए बताया कि आज के दिन मंदाकिनी नदी में डुबकी लगाकर कामदगिरि की परिक्रमा लगाने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। बताया कि सोमवती अमावस्या के दिन ही आदि कवि गोस्वामी तुलसीदास जी को मंदाकिनी के रामघाट में प्रभु श्री राम के दर्शन हुए थे।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अनादि काल से लोग बड़े भाव से मंदाकिनी में डुबकी लगाकर कामदगिरि की परिक्रमा लगाते हैं और अन्न दान करते हैं। जिससे उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सोमवती अमावस्या के उपलक्ष्य पर आज हजारों श्रद्धालुओं ने दंडवती(लेटलेट कर) परिक्रमा लगाई। जिसमें महिलाओं की भी संख्या खूब रही। यूपी - एमपी प्रशासन द्वारा दंडवती परिक्रमा लगाने वालो के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
वहीं श्रवण मास का दूसरा सोमवार होने की वजह से मंदाकिनी नदी रामघाट के ऊपर बने अनादि मत्तगजेंद्र नाथ (शंकर भगवान) जी के मंदिर में भी जबरदस्त भीड़ दिखाई पड़ी। प्रशासनिक आंकड़ों के मुताबिक पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने शंकर जी का जलाभिषेक किया। मंदिर के पुजारी विपिन तिवारी एवं प्रदीप कुमार तिवारी ने बताया कि यह अनादि मंदिर है जब भगवान ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी तब उन्होंने अपने हाथ से भगवान शिव के लिंग की स्थापना करने के बाद सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी। यह वही अनादि शिवलिंग है।
जिलाधिकारी अभिषेक आनंद और पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला द्वारा मेला परिक्षेत्र को कई जोन और सेक्टरों में बांटकर मजिस्ट्रेटो की तैनाती कर श्रद्धालुओ की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
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