राज्यसभा में बोलते समय माइक बंद करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया गया। वह अपने मुद्दे सदन के सामने रख रहे थे तो उनका माइक बंद कर दिया गया। यह उनके विशेषाधिकार का हनन है। माइक बंद कर उनका अपमान किया गया है। उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई गई है। खरगे ने कहा कि अगर सरकार के इशारे पर सदन चला तो वह समझेंगे कि लोकतंत्र नहीं है।
वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पत्र का जवाब दिया। खरगे ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि एक ही दिन में आदरणीय प्रधानमंत्री देश के विपक्षी दलों को अंग्रेज शासकों और आतंकवादी दल से जोड़ते हैं और उसी दिन गृहमंत्री भावनात्मक पत्र लिखकर विपक्ष से सकारात्मक रवैये की अपेक्षा करते हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष में समन्वय का अभाव वर्षों से दिख रहा था, अब यह खाई सत्तापक्ष के अंदर भी दिखने लगी है। इस पर प्रधानमंत्री द्वारा विपक्षी दलों को दिशाहीन बताना बेतुका ही नहीं बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण भी है। प्रधानमंत्री जी से हम सदन में आकर मणिपुर पर बयान देने का आग्रह कर रहे हैं, परंतु ऐसा लगता है कि उनका ऐसा करना उनके सम्मान को ठेस पहुंचाता है। हमारी इस देश की जनता के प्रति प्रतिबद्धता है और हम इसके लिए हर कीमत देंगे।
वहीं कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर में तीन मई के बाद की स्थिति पर संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री के विस्तृत बयान की इंडिया के दलों की वाजिब मांग को मोदी सरकार नहीं मान रही है। इंडिया के सभी दलों की स्पष्ट मांग है कि पहले प्रधानमंत्री बयान दें, उसके तत्काल बाद चर्चा होगी। लेकिन सरकार लगातार इससे इंकार कर रही है और अड़ियल रवैया अपनाए हुए है। इसके विरोध में इंडिया के सभी दलों ने बुधवार को पूरे दोपहर के लिए राज्यसभा से वॉकआउट किया।
No comments:
Post a Comment