गुजरात के एक कारोबारी ने दोनों को राहत दी है। कारोबारी ने सीमा हैदर और सचिन मीणा को 50-50 हजार रुपये प्रति महीने की नौकरी का ऑफर दिया है। यानी कि छह-छह लाख रुपये सालाना की नौकरी का ऑफर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले दिनों सीमा और सचिन के घर एक चिट्ठी आई। यह देखते ही सब आश्चर्य में पड़ गए कि आखिर यह लेटर किसकी ओर से है और किसने भेजा है। इसके बाद घर पर तैनात जवानों ने वह लेटर ले लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को सौंप दिया। बाद में जब लेटर खोला गया तो उसे गुजरात के किसी कारोबारी की ओर से भेजा गया पाया गया। इसमें सचिन और सीमा को 50-50 हजार रुपये महीने की सैलरी का ऑफर दिया गया था। हालांकि, अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि आखिर वह किस कारोबारी ने लेटर भेजा था। Also Read - महिला की हत्या के बाद आरोपी ने किया सरेंडर, शव को घर के पास फेंका सीमा और सचिन मीणा के नाम से उनके घर के पते पर भेजे गए लेटर में कारोबारी ने यह भी लिखा है कि जब भी वे चाहें नौकरी को ज्वाइन कर सकते हैं। दोनों को साल के हिसाब से छह-छह लाख रुपये का पैकेज ऑफर किया गया है। यह लेटर तीन पेज का है, जिसमें और भी कई बातें लिखी हुई हैं। मालूम हो कि पाकिस्तान की रहने वाली सीमा हैदर और भारत के ग्रेटर नोएडा के एक गांव के रहने वाले सचिन मीणा की मुलाकात पबजी गेम के जरिए हुई थी। Also Read - रिहायशी मकान में हुआ भीषण अग्निकांड, लाखों रुपए का नुक्सान दोनों कुछ सालों पहले ऑनलाइन गेम खेलते-खेलते एक-दूसरे के करीब आ गए थे। इसके बाद सीमा अपने बच्चों के साथ पाकिस्तान से नेपाल आ गई और वहीं पर सचिन भी पहुंच गया। दोंनों का दावा है कि वहीं पर मंदिर में दोनों ने शादी की और सीमा ने अपना धर्म भी बदल लिया। बाद में नेपाल से दोनों ग्रेटर नोएडा आ गए और अभी यहीं पर सचिन के घर पर रह रहे हैं। वहीं, इसी तरह पिछले दिनों एक मामला अंजू का भी सामने आया, जहां पर भारत की रहने वाली अंजू को पाकिस्तान के रहने वाले नसरुल्लाह से 'प्यार' हो गया। इसके बाद अंजू ने पाकिस्तान जाकर नसरुल्लाह से निकाह कर लिया और धर्म भी परिवर्तित कर लिया।
02 August 2023
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भारत आई पाकिस्तानी सीमा हैदर की चमकी किस्मत
भारत आई पाकिस्तानी सीमा हैदर की चमकी किस्मत
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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