जबलपुर। सुभाष जी के जीवन के लिए यह पंक्तियां अक्षरशः सत्य है कि “कुछ पद चिन्हों पर चलते है कुछ पद चिन्ह बनाते है। सुभाषचंद्र बैनर्जी ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अपने पद चिन्ह बनाने का काम किया और आज जो भारतीय जनता पार्टी का विशाल स्वरूप और भव्य भवन देखने को मिल रहा है उस पर हमें गर्व होता है। एक वैभवशाली, गौरवशाली, सम्पन्न, समृद्ध और शक्तिशाली भारत के निर्माण हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हो रहा है। हमारे श्री जेपी नड्डा जी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के नेतृत्व कर रहे है, इसके पीछे असंख्य कार्यकर्ता है, जो नींव का पत्थर बनकर खप गए। जिन्होंने अपने आपको झोंककर दिया ही दिया है, उसी मालिका के पुष्प स्वर्गीय श्री सुभाषचंद्र बैनर्जी थे। सुभाष चंद्र बैनर्जी जी ने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से एक इतिहास रचा है। यह बात मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रद्धेय सुभाषचंद्र बैनर्जी के जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर जबलपुर के मानस भवन प्रेक्षागृह में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कही। विशिष्ठ अतिथि के रूप में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री श्री प्रह्लाद पटेल, साँसद श्री राकेश सिंह, श्रीमती सुमित्रा वाल्मीकि, प्रदेश शासन के मंत्री श्री कमल पटेल, विधायक श्री अशोक रोहाणी मंचासीन थे। कार्यक्रम में वरिष्ठ नेत्री श्रीमती जयश्री बैनर्जी जी का सम्मान किया गया।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अपने लिए तो सभी जीते है कीट पतंगे, पशु पक्षी भी जीते है अपने लिए जिये तो क्या जिये, जीता तो वास्तव में वह है देश के लिए, समाज के लिए व औरों के लिए जीता है ऐसे ही श्रद्धेय सुभाषचंद्र बैनर्जी का व्यक्तित्व था। सुभाष जी का अपना कुछ नही था उन्होंने अपना पूरा जीवन बचपन से ही मातृभूमि की सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। सुभाष जी संघ के संस्कारों से युक्त होकर प्रचारक रहे, 10 वर्षों तक प्रचारक के नाते कार्य किया और नानाजी देशमुख कहते थे कि विरला ही परिवार होता है जिसमे संघ ही संघ होता है। सुभाष जी जनसंघ के संस्थापकों में से थे जिन्होंने जबलपुर सहित पूरे महाकौशल में जनसंघ के जड़े जमाने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि बैनर्जी परिवार जैसा परिवार विरला परिवार है आज कोई कल्पना कर सकता है कि विचार, पार्टी और मूल्यों के लिए स्वयं ही नही पूरे परिवार को खपा दे और स्वर्गीय सुभाष जी ने स्वयं के साथ पूरे परिवार को विचार के लिए खपा दिया। उन्होंने कहा सुभाष जी महिला सशक्तिकरण के पक्षधर थे। सुभाष जी का जीवन आज भी हमे प्रेरणा देता है। जो सफलता असफलता की चिंता किये बिना अपना कर्तव्य करे ऐसे कार्यकर्ता को ही सात्विक कार्यकर्ता कहते है और ऐसे सात्विक कार्यकर्ता सुभाष जी थे। हम उनके चरणों मे श्रद्धा के सुमन अर्पित करते हुए संकल्प लेते हैं कि जैसे भारत का निर्माण का सपना उन्होंने देखा था ऐसे भारत के निर्माण में हम भी श्रद्धा सहित अपने आपको झोंककर लगायेंगे और राष्ट्र के पुननिर्माण के यज्ञ में अपनी आहुतियां देते रहेंगे।
विचारों की प्रतिस्थापना में त्याग, तपस्या और बलिदान की आवश्यकता
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी विचार जब प्रस्तावित होता है तो उन विचारों को समाज में स्थापित करने में व्यक्तियों का बड़ा योगदान होता है और विचारों की प्रतिस्थापना हेतु व्यक्ति के त्याग, तपस्या और बलिदान की आवश्यकता होती है। ऐसे ही हमारे मूल विचार अंत्योदय और एकात्म मानव के विचार को महाकौशल क्षेत्र में स्थापित करने में श्रद्धेय सुभाष बैनर्जी जी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने अपने जीवनकाल में किस तरह संघर्ष किया है यह हम सभी जानते है उनके साथ उनके पूरे परिवार ने संघर्ष किया और आपातकाल के दौरान परिवार के 6 सदस्य जेल में निरुद्ध रहे। श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी कहते है कि आज की पीढ़ी आपातकाल को नही जानती है, और न ही विभाजन विभीषिका के बारे में जानती है किंतु उस समय जो कष्ठ और यातनाएं हमारे पूर्वजों ने सही गई उन्हें आज की पीढ़ी को बताना आवश्यक है और श्रद्धेय सुभाष जी जैसे हमारे अनेको नेताओ ने आपातकाल के उस दौर में भी किस तरह अपने विचार को जीवित रखा और आज की पीढ़ी को बताने हेतु ऐसे व्यक्तित्व की जनशताब्दी वर्ष के कार्यक्रम को करने के लिए आयोजन समिति के सभी सदस्यों को धन्यवाद देता हूँ। क्योकि आज के हमारे कार्यकर्ताओं के लिए प्ररेणा देने का कार्य इस तरह के आयोजन बनते है।
श्री शर्मा ने कहा कि हमारे प्ररेणापुंज डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक संकल्प लिया और जनसंघ की स्थापना की जो आगे चलकर भारतीय जनता पार्टी बनी और डॉ श्यामा प्रसाद जी के धारा 370 के हटाने के संकल्प को लेकर अपना बलिदान दे दिया और हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के इक्षाशक्ति और नेतृत्व के कारण आज हमारी पीढ़ी ने धारा 370 को कश्मीर से हटते देखा है इसीलिए हम सभी सौभाग्यशाली है पर इसके पीछे सुभाषचंद्र बेनर्जी जैसे हमारे नेताओ का त्याग और बलिदान रहा है। उन्होंने कहा जबलपुर में जब मैं पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करता था तब श्रीमती जयश्री बैनर्जी सहित पूरे बैनर्जी परिवार का स्नेह मुझे प्राप्त
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