पटना। भाकपा माओवादी संगठन के पोलित ब्यूरो मेंबर और टॉप लीडर्स में से एक प्रमोद मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसपर झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में नक्सली वारदातों के चार दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों में नक्सली संगठनों के विस्तार में उसका अहम रोल रहा है।
उसने झारखंड-बिहार की सीमा पर गया जिले के टेकारी के एक गांव मे पनाह ले रखा था । इसके कुछ महीने पहले तक वह झारखंड के सारंडा इलाके में सक्रिय था। बिहार के गया जिले की पुलिस ने उसे उसके एक सहयोगी अनिल यादव के साथ पकड़ा है।
गया के सीनियर एसपी आशीष कुमार भारती ने आज गुरुवार की देर शाम एक प्रेस कांफ्रेंस मे बताया कि बिहार एसटीएफ, और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने प्रमोद मिश्रा और उसके एक अन्य नक्सली सहयोगी को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि दोनों की गिरफ्तारी गया जिले के टिकारी थाना क्षेत्र से की गई है।
गिरफ्तारी के बाद सीआरपीएफ की कोबरा टीम दोनों से पूछताछ कर रही है। उनकी निशानदेही पर नक्सली संगठन से जुड़े अन्य सहयोगियों और हथियारों का पता लगाने के लिए गया जिले के इमामगंज, बांके बाजार और डुमरिया थाना क्षेत्र में एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि कुख्यात नक्सली प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव टिकारी अनुमंडल के विभिन्न थाना क्षेत्रों में भ्रमणशील हैं। साथ ही किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे।
एस एस पी ने बताया कि प्रमोद मिश्रा की गिनती माओवादियों के संगठन में देश के स्तर पर मास्टरमाइंड और प्रमुख रणनीतिकार के रूप में होती है। वह वर्षों तक जेल में रहा और 2017 में सबूत के अभाव में छूटने के बाद भूमिगत हो गया। वह मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिले के रफीगंज थाना अंतर्गत कसमा गांव का रहने वाला है। वह संगठन में सोहन दा, शुक्ला जी, कन्हैया, जगन भरत जी, नूर बाबा, बीबी जी, अग्नि और बाण बिहारी जैसे नामों से जाना जाता है।
एस एस पी ने बताया कि दो वर्ष पूर्व गया में एक परिवार के चार लोगों को नक्सलियों ने मुखबिरी के आरोप मे फांसी पर लटका दिया था। बताया जाता है कि उसने ही इन्हें फांसी पर लटकाने का हुक्म दिया था। एनआईए और पुलिस बीते कई महीनों से उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत थी। बीते तीन मई को उसके पैतृक आवास और रिश्तेदारों के घर पर एनआईए ने छापेमारी की थी।
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