भोपाल। सुशासन का मूलमंत्र देश को देने वाले संत शिरोमणि संत श्री रविदास जी के मंदिर निर्माण के लिए मध्य प्रदेश में समरसता यात्राएं निकाली गईं, जिनके माध्यम से जनता तक संत जी के समरसता का संदेश पहुंचाया गया। इन 18 दिवसीय यात्राओं का शुभारंभ 25 जुलाई को हुआ था और यात्रा का समापन 12 अगस्त को सागर में होगा, जहां प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी संत रविदास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को समर्पित मंदिर और संग्रहालय की आधारशिला रखेंगे। सागर के बडतुमा में 100 करोड की लागत से बनने वाला संत रविदास जी का मंदिर सामाजिक समरसता का उत्कृष्ट केन्द्र बनेगा। यह प्रदेशवासियों के लिए बड़ी सौगात है। मंदिर निर्माण में हर प्रदेशवासी की सहभागिता हो सके, इसके लिए गांव की एक मुट्ठी मिट्टी और नदी का जल एकत्रित किया गया, ताकि इसे मंदिर निर्माण में उपयोग किया जा सके। 12 अगस्त को होने वाले इस समागम में देश भर से 400 से 500 संत उपस्थित रहेंगे। यह बात भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालसिंह आर्य ने शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकार-वार्ता को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री आशीष अग्रवाल, मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री श्री अनिल सूद, विधायक श्री सुभाष रामचरित्र, प्रदेश प्रवक्ता श्री नरेन्द्र सलूजा, सुश्री नेहा बग्गा, श्री बृजगोपाल लोया, श्री मिलन भार्गव, श्री गुलरेज शेख, मीडिया पैनलिस्ट श्रीमती वंदना मार्तण्ड त्रिपाठी, श्री शुभम शुक्ला उपस्थित थे।
समरसता यात्रा ने दिया सामाजिक सौहार्द का संदेश
मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री आर्य ने कहा कि प्रदेश की जनहितैषी भाजपा सरकार ने 8 फरवरी 2023 को इस देवतुल्य कार्य को लेकर घोषणा की थी। इस संकल्प की सिद्धी के लिए प्रदेश के पांच स्थानों नीमच, मांडव धार, श्योपुर, बालाघाट एवं सिंगरौली से एक साथ पांच यात्राएं 25 जुलाई को प्रारम्भ हुई। यात्राएं प्रदेश के हर गांव से मिट्टी एवं सभी विकासखण्डों की 313 नदियों से जल का सांकेतिक संग्रहण एवं जनजागरण करते हुये आज सागर पहुंचेंगी। भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक एवं अध्यात्मिक एकता में संत शिरोमणि श्री रविदास जी के योगदान एवं उनके दर्शन, संदेशों, के जन जागरण करने के लिए यह यात्राएं निकाली गईं। भारी बरसात में भी माताए,ं बहनों व भाई शामिल हुए और यात्राओं का भव्य स्वागत किया। यात्राओं के माध्यम से समरसता का संदेश जनता तक पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि सुशासन का मंत्र देने वाले संत रविदास जी की स्मृति के लिए कृत संकल्पित शिवराज सरकार सागर के पास बड़तूमा में सौ करोड़ रूपए की लागत से संत शिरोमणि सदगुरु श्री रविदास जी का विशाल और भव्य मंदिर निर्माण का देवतुल्य कार्य करा रही है। यह मंदिर पूर्णभव्यता के साथ बनाया जाएगा। मंदिर की दीवारों पर संत रविदास जी के दोहे और शिक्षाएं अंकित होगी। मंदिर परिसर में संत रविदास जी के जीवन की महान घटनाएं और उनकी अमर रचनाएं जीवंत दिखेगी। इस अतुलनीय कार्य से संत रविदास जी की वाणी से लोग प्रभावित होंगे। उनकी सामाजिक समरसता की सीख जनमानस तक पहुंचेगी और पर्यटन की अपार संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। यह यात्राएं प्रदेश के 45 जिलों से होकर निकली। मुख्य यात्रा के साथ ही विभिन्न ग्रामों/नगरों में 1661 उपयात्राएं/कलश यात्राएं भी आयोजित हुईं। इसके साथ ही यात्रा के दौरान 352 जन संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किए गए और 25 लाख से अधिक लोगों ने सहभागिता की। यात्रा में प्रदेश के 20,641 ग्रामों से मिट्टी और 313 नदियों का जल सांकेतिक रूप से एकत्रित किया गया। उन्होंने कहा कि संत रविदास जी सुशासन के लिए कहा करते थे ‘ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न।’ यानि संत रविदास जी सुशासन के रूप में ऐसे राज्य की कामना करते थे, जहां कोई छोटा-बड़ा न हो, जहां प्रसन्नता पूर्वक सब जीवन यापन करें, सभी को अन्न प्रचुर मात्रा में मिलें। इन यात्राओं ने संत शिरोमणि के इन्हीं विचारों को चरितार्थ किया है। प्रदेश में अनसूचित जाति वर्ग के लिए भाजपा का यह दूसरा सामूहिक आयोजन है। अप्रैल में, भाजपा ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाने के लिए ग्वालियर में अनुसूचित जाति के सदस्यों का एक महाकुंभ आयोजित किया था।
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