सागर। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि संत शिरोमणि स्वामी रविदास सामाजिक समरसता के प्रतीक थे। उन्होंने सामाजिक बुराइयों को दूर किया और समाज को जागृत किया। आज भारत उनके बताये मार्ग पर चलकर गुलामी की मानसिकता से मुक्ति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। आज मध्यप्रदेश से सामाजिक समरसता के नये युग की शुरूआत हो रही है। सागर में आज समरसता का महासागर उमड़ा है। संत रविदास स्मारक एवं कला संग्रहालय की आधारशिला रखी गई है। यह भव्य भी होगा और दिव्य भी। इसके लिये मध्यप्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री श्री चौहान और प्रदेश की जनता को मैं बधाई भी देता हूँ और अभिनंदन करता हूँ। आज मैंने इसका शिलान्यास किया है, जब यह एक-डेढ़ वर्ष में पूरा हो जायेगा, तब मैं इसका लोकार्पण करने अवश्य आऊँगा।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आज सागर जिले के बड़तूमा में संत शिरोमणि स्वामी श्री रविदास के सौ करोड़ की लागत से बनने वाले स्मारक और कला संग्रहालय के भूमि-पूजन और शिलान्यास के बाद ढाना में जनसभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कोटा-बीना रेल लाइन दोहरीकरण का लोकार्पण किया। उन्होंने 1580 करोड़ रूपये से अधिक की लागत की 2 सड़क परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री श्री चौहान और मंत्रीगण ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का पुष्प गुच्छों से आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को प्रकाशन भेंट किए।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि संत जी की शिक्षाएं इस स्मारक स्थल के माध्यम से नई पीढ़ी को प्रेरणा देंगी। यहाँ समरसता का भाव भी रहेगा। उन्होंने मध्यप्रदेश के 20 हजार ग्रामों और करीब 300 नदियों की मिट्टी विभिन्न यात्राओं के माध्यम से सागर तक लाने के कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे लाखों परिवारों ने एक-एक मुट्ठी अनाज देकर समरसता के भाव को बढ़ाया है। वे इस स्मारक का हिस्सा बनेंगी। पाँच समरसता यात्राओं का समापन आज हुआ है। ये यात्राएं यहाँ खत्म नहीं होंगी, यहाँ से एक नए युग का प्रारंभ होगा। प्रेरणा और प्रगति जुड़ते हैं तो नए युग की नीव पड़ती है। मध्यप्रदेश इन कार्यों के लिए प्रशंसा का पात्र है। मध्यप्रदेश आगे बढ़ रहा है। समरसता के भाव से जब कार्य होता है तो समाज से संत निकलते हैं। संत रविदास जी भी ऐसे संत और महात्मा थे। उन्होंने कहा कि संत रविदास जी ने उस कालखण्ड में जन्म लिया जब मुगलों का शासन था। समाज अत्याचार से जूझ रहा था तब संत रविदास जी समाज का जागरण कर रहे थे। वे बुराइयों से लड़ना सिखा रहे थे। वे जात-पात के भेद के फेर में उलझे लोगों को मानवता का रास्ता दिखा रहे थे। वे देश की आत्मा को झकझोर रहे थे। तब समाज में बहुत पाबंदियां थीं। संत रविदास जी ने पराधीनता को पाप माना था। उन्होंने समाज को हौसला दिया।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि इसी समरसता के भाव से शिवाजी महाराज ने हिन्दवी साम्राज्य की नींव रखी। फिर आगे चलकर यही भाव स्वतंत्रता संग्राम का आधार भी बना। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने संत रविदास के अनेक दोहों का उल्लेख कर कहा कि संत रविदास जी चाहते थे कि समाज में कोई भूखा नहीं रहे। हम सब छोटे-बड़े के भाव से ऊपर उठकर मिलकर साथ रहें। संत रविदास जी के इस विचार से प्रेरित होकर हम अमृत काल में गरीबी और भूख से लोगों को मुक्त करने का कार्य कर रहे हैं। कोरोना काल में हमने समाज के वंचित और जनजातीय वर्ग के लिए तमाम आशंकाओं से उठकर 80 करोड़ भारतीयों के लिए गरीब कल्याण अन्न योजना प्रारंभ की, जिसकी पूरी दुनिया ने तारीफ की।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आज देश में गरीब कल्याण की योजनाओं का सबसे बड़ा लाभ समाज के गरीब, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को प्राप्त हो रहा है। जीवन के हर पड़ाव पर देश, महिलाओं और वंचितों के साथ खड़ा है। उनकी आकांक्षाओं को हम सहारा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में 6 हजार रूपये की राशि नवजात बच्चे और उसकी मां के लिए प्रदान की जाती है। बीमारियों के खतरे को रोकने में यह योजना मददगार है। मिशन इंद्रधनुष के माध्यम से नवजात बच्चों की सुरक्षा और उनके टीकाकरण की चिंता सरकार ने की है। इसका लाभ साढ़े पांच करोड़ से अधिक माताओं और बच्चों को मिल रहा है। इसी तरह सिकलसेल मिशन एनीमिया से मुक्ति के लिए संचालित किया जा रहा है। वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य है। अन्य रोगों के नियंत्रण पर भी कार्य हो रहा है। ऐसे रोग जिनसे वंचितों और निर्धनों को शिकार बनना पड़ता है, उनके नियंत्रण का कार्य किया जा रहा है। आयुष्मान कार्ड के माध्यम से मुफ्त इलाज की व्यवस्था की गई है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि देश में 701 एकलव्य विद्यालय, किताबों की व्यवस्था, विद्यार्थियों के पोषण के लिए मिड-डे मील और सुकन्या समृद्धि योजना भी संचालित है। उच्च शिक्षा केलिए कमजोर वर्ग को छात्रवृत्ति देने और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुद्रा योजना संचालित है। स्टेंडअप योजना में 8 करोड़ से अधिक हितग्राहियों की आर्थिक सहायता की जा चुकी है। इसके अलावा जनधन योजना का लाभ करोड़ों लोगों को मिल रहा है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि हर गरीब के सिर पर छत हो, इसके लिए आवास योजना का लाभ देने और बिजली पानी के नि:शुल्क कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। वंचित समाज के लोग इस योजना से अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं।
संत रविदास जी के सम्मान में देश और मध्यप्रदेश में संस्थाओं के नामकरण
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि बनारस में जहाँ संत रविदास की जन्म-स्थली के सौन्दर्यीकरण का कार्य किया गया है, वहीं मध्यप्रदेश में भी इस दिशा में अच्छा कार्य हो रहा है। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क गोविंदपुरा का नामकरण संत रविदास जी के नाम पर किया गया है। सागर में संत रविदास जी के जीवन और शिक्षा को प्रदर्शित करने वाले संग्रहालय का निर्माण भी इस श्रंखला में महत्वपूर्ण कदम है। मध्यप्रदेश में रानी कमलापति के नाम पर रेलवे स्टेशन और टंट्या मामा के नाम पर पातालपानी रेलवे स्टेशन का नामकरण किया गया। इसी तरह बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर से जुड़े पंच तीर्थों का विकास हो रहा है। संत रविदास सहित बलिदानियों और महात्माओं की शिक्षाएं इन स्थानों के माध्यम से समाज को एकजुट रखेंगी। सरकार ने ऐसे महापुरूषों के सम्मान का पूरा ध्यान रखा है।
सागर के लाखा बंजारे का विशेष उल्लेख
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सागर की विशाल झील के निर्माता लाखा बंजारे के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि इस शहर की पहचान लाखा बंजारे द्वारा 400 एकड़ इलाके में निर्मित लाखा बंजारा झील से है। लाखा बंजारे ने पानी की अहमियत को समझा और झील का निर्माण करवाया। सरकार ने लाखा बंजारे की परम्परा को निभाते हुए आजादी के अमृत काल में हर जिले में 75 अमृत सरोवरों का निर्माण करवाकर उन्हें सामाजिक समरसता का केंद्र बनाया है। जल जीवन मिशन के माध्यम से घरों तक पाइप लाइन से पानी पहुंचाया गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आज सागर शहर समरसता का सागर बन गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज बुंदेलखंड की इस भूमि पर संत रविदास जी के स्मारक स्थल के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री जी पधारे हैं। यह नींव ऐसे समय डाली गई है जब आजादी के 75 वर्ष हुए हैं। अमृत काल में हमारा दायित्व है कि हम अपनी विरासत को आगे बढ़ाएं,अतीत से सबक भी लें। संत रविदास महाराज ने भारतीय संस्कृति और समरसता के लिए अभूतपूर्व कार्य किया है। श्री संत रविदास ने कर्म को महत्व दिया। वे परिश्रम से जो भी अर्जित करते थे, उसे संत सेवा और समाज को अर्पित कर देते थे। कई राजा और मीराबाई भी उनके शिष्य थे। संत रविदास वास्तव में सामाजिक समरसता के अग्रदूत थे।
मध्यप्रदेश, बुंदेलखण्ड और सागर के लिये सौभाग्य का दिन
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज का दिन मध्यप्रदेश, बुंदेलखंड और सागर के लिए सौभाग्य का दिन है। हमने फैसला किया था कि सागर के बड़तूमा में संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया जाएगा। हमारा सौभाग्य है कि भव्य मंदिर के निर्माण के शिलान्यास में श्री मोदी जी पधारे हैं। श्री चौहान ने कहा कि संत रविदास जी भारत को जोड़ने वाले संत थे। कोई छोटा नहीं, बड़ा नहीं, भक्ति कैसे करें इसका संदेश देने वाले थे संत रविदास जी। इस मंदिर के माध्यम से आने वाली पीढ़ियाँ भी संत रविदास जी को जानेंगी और उनके बताए मार्ग पर चलेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 80 करोड़ बहनों-भाइयों को नि:शुल्क अन्न की व्यवस्था प्रधानमंत्री श्री मोदी ने की है। प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास, उज्ज्वला रसोई गैस के कनेक्शन, शौचालय बनाकर बहनों को सम्मान देने का काम, आयुष्मान भारत योजना बनाकर गरीबों का इलाज कराना, कोविड में वैक्सीन से 140 करोड़ भारतीयों की जान बचाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के बताए मार्ग पर चलकर मध्यप्रदेश आगे बढ़ रहा है। हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री जी के आशीर्वाद से 1.40 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं।
बुंदेलखंड की बदलेगी तस्वीर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने ऐसे फैसले किए हैं जो बुंदेलखंड की तस्वीर बदल देंगे। बीना रिफाइनरी पर आधारित पेट्रो केमिकल्स उत्पाद पर 50 हजार करोड़ का निवेश आने वाला है। मैं मोदी जी को धन्यवाद देता हूँ। इसी बुंदेलखंड की धरा पर केन-बेतवा परियोजना का काम जल्दी प्रारंभ होने वाला है। इससे 20 लाख एकड़ जमीन पर बुंदेलखंड में सिंचाई होगी। बुंदेलखंड की धरती पंजाब, हरियाणा को मात देगी। प्रधानमंत्री जी ने 44 हजार करोड़ की योजना का उपहार बुंदेलखंड की जनता को दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संसद में जो हुआ वह अद्भुत और अभूतपूर्व है। अंग्रेजों के बनाए कानून बदले जा रहे हैं। अगर मासूम बिटिया के साथ कोई दुराचार करेगा तो सीधा फाँसी के फंदे पर लटका दिया जाएगा। एक नए भारत का उदय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हुआ है।
मुख्यमंत्री ने बीना रिफायनरी पर आधारित पेट्रो केमिकल्स उत्पाद का शुभारंभ करने और केन-बेतवा के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री जी को आमंत्रित किया। संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के चरणों में प्रणाम करते हुए उन्होंने कहा कि जल्दी भव्य मंदिर बनेगा और बुंदेलखंड की प्रतिष्ठा को बढ़ाएगा। मेरी माटी-मेरा देश, प्रधानमंत्री जी ने घर-घर तिरंगा फहराने के आह्वान पर मध्यप्रदेश के घर-घर में तिरंगा फहराया जायेगा।
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