नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद श्री नरेंद्र सिंह तोमर की पहल पर मुरैना जिले को मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा दो महत्वपूर्ण सौगातें दी गई हैं। मुरैना में 100 एम.बी.बी.एस.सीट प्रवेश क्षमता के नवीन चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किए जाने की सैद्धांतिक सहमति राज्य कैबिनेट द्वारा प्रदान कर दी गई है। इसके अलावा, भारत सरकार की सौर ऊर्जा पार्क योजना के अंतर्गत, अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क मोड में स्वीकृत 1400 मेगावाट मुरैना एनर्जी स्टोरेज आधारित हाइब्रिड पार्क के लिए रम्स सौर ऊर्जा पार्क परियोजना विकसित किए जाने के लिए भी कैबिनेट द्वारा अनुमोदन किया गया है।श्री तोमर ने कहा कि इनसे हजारों लोगों के लिए नए रोजगार का सृजन होगा व क्षेत्र की चहुंमुखी प्रगति होगी।
श्री तोमर ने इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही दिल्ली में भी चर्चा की थी, जिनके प्रयासों से मुरैना जिले में नवीन चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की सैद्धांतिक स्वीकृति मंत्रि-परिषद् द्वारा 16 सितंबर को प्रदान कर दी गई। मुरैना जिले में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की नितांत आवश्यकता के दृष्टिगत, चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु लगभग 300 करोड़ रुपयेका व्यय अनुमानित है, जिसकी व्यवस्था राज्य मद से की जाना प्रस्तावित है। इस संबंध में अग्रिम कार्यवाही राज्य सरकार और भारत सरकार के स्तर पर की जाएगी।अभीमध्य प्रदेश में 13 शासकीय/स्वशासी मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 2055 सीटें हैं। साथ ही,17 अन्य शासकीय/स्वशासी मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन/प्रस्तावित है। मुरैना में जिस कालेज की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है, वह इन कॉलेजों के अलावा हैं। साथ ही,प्रदेश में लगभग 16 निजी मेडिकल कॉलेज भी हैं।
मुरैना के लिए अनुमोदित सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम है। प्रधानमंत्री के संकल्पानुसार,देश में नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ाकर पांच सौ गीगावाट करने का लक्ष्य रखा गया हैजिसेप्राप्त करने में मध्य प्रदेशकी सहभागिता के लिए सौर परियोजनाओं की क्षमता में वृद्धि आवश्यक है। अभी प्रदेशमें करीब 300 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित हैं। मुरैना एनर्जी स्टोरेज आधारित हाइब्रिडपरियोजनासेमुरैनाक्षेत्र में सामाजिक व आर्थिक रूप से प्रगति के साथ ही राज्य के लक्ष्य को पूरा किया जा सकेगा, ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा। मुरैना हाइब्रिड प्रोजेक्ट से राज्य की डिस्काम को विद्युत की आपूर्ति तापीय विद्युत परियोजनाओंके समकक्ष की जा सकेगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन में कमी के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकेगा।परियोजना निर्माण व संचालन अवधि में लगभग 7 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। परियोजना में करीब 8400 करोड़ रु. का निवेश होगा। परियोजना विकास सोलर पावर पार्क विकासक, रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लि. द्वारा किया जाएगा।
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